'किसानों की अात्महत्या का कारण ढूंढे रिसर्च टीम'

the research team found the reason of farmers suicide
'किसानों की अात्महत्या का कारण ढूंढे रिसर्च टीम'
'किसानों की अात्महत्या का कारण ढूंढे रिसर्च टीम'

डिजिटल डेस्क,मुंबई। राज्य सरकार विदर्भ व मराठवाडा में किसानों की आत्महत्या के कारणों का पता लगाने के लिए रिसर्च टीम तैयार करे। जो न सिर्फ किसानों की ओर से आत्मघाती कदम उठाने की वजह की जानकारी जुटाए बल्कि इसके रोकथाम के लिए समाधान भी बताए।

 शनिवार को मुंबई हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस वीएम कानडे ने महानगर के कुर्ला इलाके में स्थित बंट सभागृह में ‘सामाजिक सुरक्षा, कानून एवं बेहतर कल’ विषय पर आयोजित परिचर्चा के दौरान यह बात कही। परिचर्चा का आयोजन अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद (कोकण प्रांत) की ओर से किया गया। आर्थिक सुरक्षा विषय पर अपनी बात रखते हुए जस्टिस कानडे ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से परंपरागत रोजगार खत्म होते जा रहे हैं। हमारे देश में 70 प्रतिशत लोग खेती पर निर्भर हैं। ऐसे में जरूरी है कि किसानों को मजबूत बनाया जाए। अभी भी देखा जा रहा है कि किसान कर्ज के लिए साहूकारों के पास जाते हैं और कर्ज लेने के बाद जब वे उसका भुगतान करने में खुद को असमर्थ पाते हैं तो अपना जीवन समाप्त कर देते हैं। 

कुपोषण का शिकार हो रहे बच्चे

 कानडे ने कहा कि सरकार गांवों को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दे। इस बीच उन्होंने मेलघाट, नंदुरबार, गड़चिरोली, नाशिक जैसे इलाकों में कुपोषण से होनेवाली बच्चों की मौत पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हर साल 18 हजार बच्चे कुपोषण से मौत का शिकार हो जाते हैं। सरकार के पास योजना तो है पर उस पर ठीक ढंग से अमल नहीं हो पाता है। उन्होंने कहा कि देश के आर्थिक विकास के लिए महिलाओं, असंगठित क्षेत्र को लोगों को मुख्यधारा में लाना पड़ेगा।

वतमाल में कीटनाशक से दो किसानों की मौत

यवतमाल जिले में कीटनाशक छिड़काव से विषबाधा और उससे मरने वालों की संख्या अब 22 हो चुकी है। इस बीच पिछले 24 घंटे में दो किसानों की मौत कीटनाशक से हुई विषबाधा से होने की जानकारी है। दिन ब दिन  यह संख्या बढ़ती जा रही है। 13 अक्टूबर की रात आठ बजे के दौरान किसान  गजानन हनुमंत नैताम की मौत हो गई जो झरी जामणी तहसील के माथर्जुन गांव का निवासी था। यह किसान 11 अक्टूबर को कपास पर कीटनाशक छिड़काव के लिये खेत पर गया था। छिड़काव कर घर लौटने पर उसकी तबीयत खराब हो गई जिससे परिजनों ने उसे पहले पांढरकवडा के उपजिला अस्पताल में भर्ती किया। लेकिन उसकी हालत गंभीर होने से डॉक्टर ने उसे यवतमाल के वसंतराव नाईक प्रशासकीय अस्पताल में रेफर किया। वहां इलाज के दौरान 13 को उसकी मौत हो गयी। इसकी जानकारी गांव वालों को मिलते ही सरपंच व पुलिस पाटील उनका पार्थिव लेने अस्पताल पहुंचे।   घटना से गांव में शोक व्याप्त है।  इसी तरह कीटनाशक छिड़काव में ही  मधुकर पोतीराम बावने (45) दिग्रस, पाटन बोरी तहसील झरी जामनी निवासी की मौत हुई है। वह भी खेत में कीटनाशक छिड़क रहा था।

Created On :   14 Oct 2017 6:51 PM IST

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