गर्भवती को बाइक से पहुंचाया, अस्पताल के गेट पर हुआ प्रसव, नवजात की मौत

The pregnant was transported by bike, the delivery took place at the hospital gate, the newborn died
 गर्भवती को बाइक से पहुंचाया, अस्पताल के गेट पर हुआ प्रसव, नवजात की मौत
108 एम्बुलेंस नहीं पहुंची   गर्भवती को बाइक से पहुंचाया, अस्पताल के गेट पर हुआ प्रसव, नवजात की मौत

डिजिटल डेस्क  बाकल/ कटनी। मातृ एवं शिशु मृत्युदर कम करने शासन द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। सुरक्षित प्रसव के लिए 108 एम्बुलेंस एवं जननी एक्सप्रेस दौड़ रही हैं, प्रसव की स्थिति में कई बार जननी एक्सप्रेस एवं एम्बुलेंस के समय पर नहीं पहुंचने से जच्चा-बच्चा दोनों की जान खतरे में पड़ जाती है। ऐसा ही मामला शनिवार को बाकल के चनपुरा में सामने आया। जहां एम्बुलेंस एवं जननी एक्सप्रेस दो घंटे इंतजार के बाद भी नहीं पहुंचीं, जब प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला को पति बाइक से लेकर अस्पताल रवाना हुआ लेकिन अस्पताल के  गेट पर ही प्रसव हो गया। जिससे नवजात की मौत हो गई।बाकल से दो किलोमीटर दूर चनपुरा निवासी  बखत  चौधरी ने बताया पुत्रवधु संगीता (26) गर्भवती थी, शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे प्रसव पीड़ा होने पर प्राइवेट नर्स को बुलाया तो उसने ब्लीडिंग अधिक होने की बात कहते हुए तत्काल बहोरीबंद अस्पताल ले जाने की सलाह दी। जिस पर 108 एम्बुलेंस को फोन लगाया लेकिन दो घंटे तक एम्बुलेंस नहीं पहुंची। जब पुत्र रमेश रैदास पत्नी संगीता को मोटरसाइकिल से दो किलोमीटर दूर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र  बाकल ले गया। वहां बाकल अस्पताल पहुंचते ही गेट पर प्रसव हो गया। जच्चा-बच्चा की हालत नाजुक थी और कुछ ही देर बाद नवजात की सांसें टूट गईं। जानकारी मिलते ही बीएमओ ने अपने शासकीय वाहन से प्रसूता को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बहोरीबंद पहुंचाया तब प्रसूता की जान बच सकी।
नहीं मिलीं आयरन, विटामिन की गोलियां-
गर्भवती महिलाओं के प्रति स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग की लापरवाही भी सामने आई। संगीता ने बताया कि  उसे स्वास्थ्य विभाग या आंगनबाड़ी से आयरन, विटामिन आदि की कोई दवा नहीं दी गई। यह उसकी पांचवीं डिलेवरी है। पहला बच्चा जीवित है, यह चौथा मामला है जब समय से पहले डिलेवरी होने से बच्चे जीवित नहीं रहे। प्रसूता के पति रमेश रैदास ने बताया कि संगीता को सात माह का गर्भ था। उसे शारीरिक कमजोरी थी, जिसके कारण समय से पहले ब्लीडिंग शुरू हो गई थी। 
इनका कहना है-
108 एम्बुलेंस नहीं पहुंचने की जानकारी मिली है। प्रसूता द्वारा आयरन, विटामिन की गोलियां नहीं मिलने की बात कही गई है। सोमवार को एम्बुलेंस प्रभारी एवं एनएनएम दोनों को शोकाज नोटिस जारी किया जाएगा। प्रीमेच्यौर डिलेवरी के कई कारण होते हैं। जिसमें कुपोषण और समय पर जांच न होना प्रमुख है।
डॉ. अनुराग शुक्ला बीएमओ बहोरीबंद

Created On :   21 Aug 2021 2:58 PM IST

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