टूटकर गिर रहा छत का प्लास्टर, यात्रियों के बैठने तक की ठीक से व्यवस्था नहीं

The plaster of the ceiling is falling apart, there is no proper arrangement for the seating of the passengers.
टूटकर गिर रहा छत का प्लास्टर, यात्रियों के बैठने तक की ठीक से व्यवस्था नहीं
शहडोल टूटकर गिर रहा छत का प्लास्टर, यात्रियों के बैठने तक की ठीक से व्यवस्था नहीं

डिजिटल डेस्क , शहडोल ।संभाग का सबसे बड़ा बस अड्डा अव्यवस्था का शिकार है। पूरा भवन जर्जर हो चुका है। जगह-जगह से छत का प्लास्टर टूट कर गिर रहा है। छड़ बाहर झांकने लगी है। जब से इसका निर्माण हुआ है तब से लेकर आज तक इसकी मरम्मत नहीं कराई गई। जबकि बस स्टैण्ड से रोजाना २५० से ३०० बसें निकलती हैं और हजारों यात्रियों का आना जाना होता है। दुकानदारों व कुछ यात्रियों के अनुसार कई बार सीलिंग गिरने से कई चोटिल भी हो चुके हैं। बैठक व्यवस्था भी ठीक नहीं है। यात्रियों को बसों का इंतजार खड़े होकर अथवा टूटे फूटे चबूतरों पर बैठकर करना पड़ता है।
पेयजल को लेकर परेशानी
बस स्टैण्ड में पानी को लेकर दिक्कत है। गर्मी के दिनों में परेशानी और बढ़ जाती है। पीने के लिए वाटर फिल्टर है तथा नल से भी सप्लाई है। लेकिन कुछ भी ठीक से काम नहीं कर रहा है। नलों में टोटियां ही गायब हैं। यात्रियों को दुकानों से लेना पड़ता है या बॉटल खरीदना पड़ता है। जिस टंकी से जल की सप्लाई है उसकी सफाई भी नहीं की जाती है। ऐसे में दूषित पानी का उपयोग भी करना पड़ जाता है।
साफ-सफाई का भी अभाव
एक ओर स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है, वहीं बस स्टैण्ड में जगह-जगह कचरा फैला रहता है। यात्री प्रतीक्षालय में गंदगी भरी रहती है। झाड़ू ता ेलगती है लेकिन समय पर उठाव नहीं करने से फिर फैल जाता है। साथ ही उठ रही बदबू से यात्रियों को परेशान होना पड़ता है।
मनमर्जी से खड़ी रहती है बसें
बस स्टैण्ड में बसों की धमाचौकड़ी भी परेशानी का कारण बनती है। अधिकतर बसें कई घंटों तक यहां खड़ी रहती हैं, जबकि नियमानुसार गंतव्य की ओर रवाना होने के आधा घंटा पहले ही स्टेण्ड में आनी चाहिए। ताकि अनावश्यक भीड़ न होने पाए। लेकिन इस नियम का पालन नहीं किया जाता। यहां तक यहीं खड़ा कर उनमें सुधार कार्य कराया जाता है। 
 

Created On :   9 March 2022 4:42 PM IST

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