शुरुआती बारिश में ही बह गए गड्ढों के पैबंद, सड़कों की ओर नहीं जिम्मेदारों का ध्यान

The patches of potholes were washed away in the initial rain itself,
शुरुआती बारिश में ही बह गए गड्ढों के पैबंद, सड़कों की ओर नहीं जिम्मेदारों का ध्यान
विभागों में बेपरवाही का आलम शुरुआती बारिश में ही बह गए गड्ढों के पैबंद, सड़कों की ओर नहीं जिम्मेदारों का ध्यान

डिजिटल डेस्क,शहडोल। मानसूनी बारिश ने जहां लोगों को गर्मी से राहत दिलाई, वहीं पानी में धुल चुके सड़कों के गड्ढे जिम्मेदारों की वेपरवाही को उजागर कर रहे है। शुरुआती बारिश से उन गड्ढों को फिर से सामने ला दिया है जिन्हें कुछ ही समय पहले संबंधित विभागों ने मरम्मत का नाम देकर समतल कराया था। जर्जर सड़क की वजह से कई लोगों की जान चुकी है। इसके बावजूद विभागों की नींद नहीं टूट रही है। नगर पालिका क्षेत्र में बनी कुछ सड़कें लोक निर्माण विभाग और एमपीआरडीसी के अधिकार क्षेत्र में आते हैं, लेकिन दोनों विभागों को लगता है नागरिकों की समस्या से कोई सरोकार नहीं है। नगरपालिका द्वारा भी मॉडल रोड सहित जिन सड़कों की मरम्मत कराई थी वे भी पूर्व अवस्था में आ चुके हैं।

इन स्थानों की डरावनी स्थिति-

सीवरेज लाइन की खुदाई के कारण वैसे भी शहर की आधे से अधिक सड़कें दलदल का रूप ले चुकी हैं। मेन रोडों की हालत भी इससे इतर नहीं है। बुढ़ार रोड से लेकर बायपास तिराहे तक की मॉडल रोड में कई स्थानों पर बड़े-बड़े गड्ढे बन चुके हैं। इंदिरा चौक से आगे जाते ही नालीनुमा गड्ढा है। इससे आगे बढऩे पर सलूजा एजेंसी के सामने बड़ा गड्ढा हो चुका है। झूला पुल के आगे गायत्री मंदिर के सामने, पाली रोड कोर्ट के सामने, न्यू बस स्टैण्ड के सामने सड़कों पर बने गड्ढे खतरे से कम नहीं है।

मरम्मत के नाम पर खानापूर्ति-

पाली रोड, झूला पुल से कमिश्नर बंगला के सामने से घरोला वाली रोड तथा इंदिरा चौक से बस स्टैण्ड रोड पीडब्ल्यूडी की है। बस स्टैण्ड रोड में विभाग द्वारा डामर की लेप दो महीने पहले लगवाई गई थी, जो उखड़ती जा रही है। अन्य सड़कों की ओर कभी ध्यान नहीं दिया। मॉडल रोड की मरम्मत नगरपालिका द्वारा कराई गई थी, लेकिन सभी विभागों द्वारा महज खानापूति ही की गई। जिसका नतीजा यह है कि बरसात में लोगों की समस्या और बढ़ गई है।

यहां पर हो चुकी है मौत-

बस स्टैण्ड के सामने हाउसिंग बोर्ड की ओर जाने वाली रोड में ढलान पर बना गड्ढा स्थायी समस्या चुका है। नाली नहीं होने के कारण पूरा पानी सड़क से होकर बहता है। बीते वर्ष एक युवक की जान चली गई थी। गड्ढे में बाइक उछली, पीछे से वाहन ने आकर कुचल दिया था। छोटे-मोटे हादसे रोज ही होते है। यह रोड एमपीआरडीसी की है, लेकिन उसके द्वारा मरम्मत के नाम हमेशा ही खानापूर्ति ही की गई है। 

इनका कहना है-

नगरपालिका की जितनी रोड हैं उनकी मरम्मत कराई जाएगी। सीवर लाइन के कार्य के चलते कुछ रुकावट आ रही है। अन्य विभागों को भी जिनकी सड़कें हैं उन्हें भी ध्यान देना चाहिए।
(अमित तिवारी,सीएमओ नपा)
 

Created On :   21 Jun 2022 1:22 PM IST

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