आक्रामक हो चुके हाथी रामबहादुर को जंजीरों में कैद करने के लिए पार्क प्रबंधन को करना पड़ी मशक्कत

The park management had to struggle to capture the aggressive elephant Ram Bahadur in chains.
आक्रामक हो चुके हाथी रामबहादुर को जंजीरों में कैद करने के लिए पार्क प्रबंधन को करना पड़ी मशक्कत
जंजीरों में कैद हुआ महावत और रेंजर की जान लेने वाला हाथी आक्रामक हो चुके हाथी रामबहादुर को जंजीरों में कैद करने के लिए पार्क प्रबंधन को करना पड़ी मशक्कत

डिजिटल डेस्क,पन्ना। पन्ना टाइगर रिजर्व में पहले रेंजर और अब महावत की जान लेने वाले हाथी रामबहादुर को अंतत: जंजीरों में कैद कर दिया गया है। हाथी रामबहादुर अपने महावत को कुचलने के बाद जंगल में भाग गया था। जिससे पार्क प्रबंधन में चिंता में था। हालांकि हाथी के स्वत: लौटने के बाद उसे ट्रेंकुलाइज कर जंजीरों में कैद कर दिया गया है।  

गौरतलब है कि टाइगर रिजर्व में 4 जुलाई की सुबह हाथी रामबहादुर ने अपने महावत बुधराम रोटिया को बेरहमी के साथ दांत से दबाकर मार दिया था तथा घटना के बाद जंगल में फरार हो गया था। जानकारी के अनुसार महावत पर हमला कर मौत के घाट उतारने के बाद खतरनाक हो चुके हाथी के आस-पास आबादी क्षेत्र में जाने से अप्रिय स्थितियों को लेकर चिंतित पार्क प्रबंधन द्वारा उसे रोकने के लिए रातभर महावतों और वन विभाग की टीम से ट्रेकिंग करवाई गई। हाथी रामबहादुर इस तरह आक्रामक हो चुका है कि महावतों को 150 से 200 मीटर दूर से ही खदेड़ने लगता है। उसके बावजूद टीम द्वारा पूरे समय तक उसका पीछा किया गया। जंगल में विचरण करते हुए हाथी रामबहादुर 5 जुलाई को रात में अपने आप हिनौता हाथी कैम्प लौटने लगा। जैसे ही फील्ड डायरेक्टर को इसकी जानकारी लगी तो तुरंत हिनौता कैम्प से उम्रदराज हथनी वत्सला को रात में 3 बजे वहां से शिफ्ट किया।

बेहोश कर बांधीं जंजीरें

हाथी रामबहादुर जंगल में विचरण करते हुए 5 जुलाई को सुबह लगभग 5 बजे हिनौता हाथी कैम्प पहुंच गया। मस्ती में डूबे हाथी रामबहादुर के पहुँचने पर सबसे बड़ी समस्या उसे नियंत्रित करने की थी। इसलिए पार्क प्रबंधन द्वारा उसे ट्रेंकुलाइज कर जंजीर से बांधने का निर्णय लिया गया और हाथी को ट्रेंकुलाइज करने के लिए तैयारी शुरू की गई। पन्ना टाइगर रिजर्व के वन्यप्राणी चिकित्सक डॉण्सजीव कुमार गुप्ता टीम के साथ हिनौता पहुंचे। उन्होंने नर हाथी रामबहादुर को डॉट लगाकर ट्रेंकुलाइज किया। हाथी के बेहोश हो जाने पर भी कोई उसके  पास जाने के लिये तैयार नहीं था। चार घन्टे की मशक्कत के बाद उसे मोटी जंजीरों से बांधा गया। पार्क प्रबंधन ने बताया कि नर हाथी रामबहादुर की निगरानी की जा रही है। पूरी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी गई है। वहां से जिस तरह के निर्देश प्राप्त होंगे, उसी तरह से आगे कार्यवाही की जाएगी। 
 

Created On :   9 July 2022 1:52 PM IST

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