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तो पूर्वोत्तर के राज्यों का भी कश्मीर हो जाता : भागवत
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। मानवीय संबंधों का जिक्र करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत ने कहा है कि अरुणाचल प्रदेश सहित पूर्वोत्तर के राज्यों में सेवा कार्य किया गया। सेवा कार्य से लोगाें में भारतीयता के प्रति लगाव बढ़ा। अरुणाचल प्रदेश के लोग चीन की सीमा पर खड़े होकर भारत के समर्थन में नारे लगाते हैं। आत्मीयता का भाव नहीं जगता को पूर्वोत्तर के राज्यों की स्थिति भी काश्मीर जैसी हो जाती।
मंगलवार को रामनगर स्थित शक्तिपीठ सभागृह में नंदकुमार जोशी की शुभारंभ नामक पुस्तक के विमाेचन के बाद सरसंघचालक संबोधित कर रहे थे। नंदकुमार जोशी व साहित्यकार शुभांगी भडभडे प्रमुखता से उपस्थित थे। सरसंघचालक ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश शुद्ध भारतीय नाम है। भारत का राज्य है। लेकिन चीन बार बार उस पर दावा करते रहता है। वहां के नागरिकों को प्रलोभन दिखाया जाता है। पूर्वोत्तर के राज्यों के नागरिकों को दिल्ली के कुछ लोग यह भी कहने लगते हैं कि चीन से क्यों आए हो। ऐसा नहीं होना चाहिए। परस्पर संबंध प्रगाढ़ हो। संपर्क का अभाव भारत में कई समस्याओं का कारण है। सरसंघचालक ने यह भी कहा कि अरुणाचल प्रदेश के साथ ही पूर्वोत्तर के राज्यों में सेवा सुविधाओं का अभाव है। वहां की जीवन शैली व खान पान के बारे में विचार किया जाना चाहिए। विकास चक्र में पिछड़ने का भी कारण ढूंढने की आवश्यकता है।
Created On :   21 Aug 2019 12:02 PM IST