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श्रीकृष्ण-सुदामा की मित्रता युगों-युगों से लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत: व्यास जी
डिजिटल डेस्क, पवई । नगर के वार्ड क्रमांक 13 में बढ़ोलिया मोहल्ला स्थित मां कालका देवी मंदिर परिसर में चल रही श्रीमदभागवत में बुधवार को कथा व्यास जी के द्वारा भगवान श्रीकृष्ण एवं उनके बचपन के सखा सुदामा की मित्रता की कथा का श्रवण श्रोताओं को कराया गया। उन्होंने कहा कि सुदामा अपनी पत्नी के बहुत बार समझाने के बाद अपने बचपन के मित्र द्वारकाधीश भगवान श्रीकृष्ण से मिलने के लिए द्वारकापुरी जाते हैं लेकिन राज महल के दरवाजे पर द्वारपालों द्वारा उन्हें उनकी दीन हीन दशा को देखकर रोक दिया जाता है। जब द्वारपालों द्वारा द्वारकाधीश को यह बताया जाता है कि कोई सुदामा नाम का दीन हीन व्यक्ति उनसे मिलना चाहता है तो कृष्ण नंगे पैर दौड़ते हुए सुदामा से मिलने पहुंचते हैं और उनको आदर सम्मान सहित महल में लाते हैं और प्रेम में भाव विभोर होकर बिना जल के ही आंसुओं से सुदामा के पैर धोते हैं। श्रीकृष्ण=सुदामा की मित्रता युगों-युगों से लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है कथा सुनते ही कथा पंडाल में उपस्थित सैकड़ों श्रोताओं की आंखों में आंसू आ गए।
Created On :   21 April 2022 4:35 PM IST