किलों की यात्रा विदर्भ ही नहीं, देश में पहली होगी : ठाकरे

The first in the country to visit forts not only vidarbha said ravindra thackeray
किलों की यात्रा विदर्भ ही नहीं, देश में पहली होगी : ठाकरे
किलों की यात्रा विदर्भ ही नहीं, देश में पहली होगी : ठाकरे

डिजिटल डेस्क, नागपुर । मुझे ऐसा लगता है कि इस तरह का अनूठा आयोजन केवल विदर्भ में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में पहला होगा। दिव्यांग विद्यार्थियों को किलों की यात्रा कराने की कल्पना अनूठी है। इस बात का हम नागपुरवासियों को अभिमान है। यह बात जिलाधिकारी रवींद्र ठाकरे ने कही। समदृष्टि क्षमता विकास अनुसंधान मंडल (सक्षम) के तत्वावधान में दिव्यांग (अंध) विद्यार्थियों के लिए ‘विदर्भ के किले’ यात्रा का आयोजन 9 फरवरी 19 फरवरी तक किया गया है।  यात्रा को जिलाधिकारी रवींद्र ठाकरे ने हरी झंडी दिखाई।

11 किलों में ले जाया जाएगा दिव्यांगों को
यात्रा का शुभारंभ माधव नेत्र पेढ़ी प्रतापनगर से किया गया। यात्रा के दौरान 20 दिव्यांगों को  11 किलों में ले जाया जाएगा और उन किलों के बारे में उन्हें जानकारी दी जाएगी। इसके लिए उन्हें किट का भी वितरण किया गया है, जिसके माध्यम से  वे यात्रा के अनुभवों को जान सकेंगे। श्रीकांत दुबे ने भी इस अनूठे आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई दी।

किलों की प्रतिकृति से विद्यार्थियो को दी गई जानकारी
आयोजन के लिए इतिहासकार श्रीपाद चितले की पुस्तक ‘विदर्भतील किल्ले’ के आधार पर संपूर्ण यात्रा का एजेंडा बनाया गया है। यात्रा संयोजक अतुल गुरु ने यात्रा के पहले ही विद्यार्थियों को किलो की हुबहू प्रतिकृति बनाकर उन्हें संपूर्ण किलों की जानकारी दी, जिससे वे किलों का अनुभव कर सकें। यात्रा के शुभारंभ अवसर पर सक्षम के शिरीष दारव्हेकर ने यात्रा की प्रस्तावना रखी। उन्होंने बताया कि यात्रा का समापन 19 फरवरी को भव्य कार्यक्रम से होगा। इस अवसर पर संदीप देशपांडे, अभिजीत देशपांडे, वीरेन्द्र पात्रीकर, रमेश सातपुते, उमेश अंधारे, रामानंद केलकर आदि उपस्थित थे।
 

Created On :   10 Feb 2020 3:08 PM IST

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