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जिला अस्पताल ओ पी डी के 650 से अधिक मरीजों को देखन एक भी डाक्टर नहीं ं, पल्ला झाड़ते रहे अधिकारी
डिजिटल डेस्ेक नरसिंहपुर। जिला अस्पताल का ढर्रा सुधरने की बजाय बदतर होता जा रहा है। प्रशासनिक कड़ाई और कार्रवाई नहीं होने की वजह से लापरवाही का आलम और बढ़ा है। इन सभी स्थितियों का खामियाजा अस्पताल आने वाले मरीज और परिजन भोग रहे हैं। गुरूवार को अस्पताल में 650 से अधिक मरीज ओपीडी में जांच कराने आए, लेकिन अंदर हाल यह था कि अधिकांश डाक्टरों के चेम्बर खाली पड़े थे। महज एक चिकित्सक ड्यूटी पर उपस्थित दिखाई दिया।
उल्लेखनीय है कि गुरूवार को मेडीसिन, गायनिक चेम्बर में कोई डाक्टर मौजूद नहीं रहा। वहीं आकस्मिक चिकित्सा के लिए तैनात महिला डाक्टर आपरेशन थियेटर चली गई। इसके अलावा आन काल ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक कव्हरेज के बाहर थे। सिविल सर्जन और यहां पदस्थ प्रशासनिक अधिकारी की हीलाहवाली के चलते यह हाल बने हैं।
जानकार अन्यत्र, अनभिज्ञ बांट रहे दवा
अस्पताल की व्यवस्थाएं दुरूस्त रखने दो अधिकारी होने के बावजूद भी अव्यवस्थाएं हावी है। अस्पताल में दवा वितरण कक्ष के लिए जानकार यानि फार्मासिस्ट नियुक्त है, लेकिन एक फार्मासिस्ट अमरबहादुर पटैल को सीएमएचओ कार्यालय में अटैच कर दिया है। जिसके कारण दूसरा फार्मासिस्ट दिन या रात एक समय ही ड्यूटी पर रहता है। इस स्थिति के चलते अस्पताल में अनभिज्ञ लोग मसलन कम्प्यूटर आपरेटर, वार्ड ब्वाय, गार्ड, धोबी मरीजों को दवाईयां बांटने का काम कर रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में यदि गलत दवा चली जाए तो मरीजों की जानमाल खतरा बना है।
ओपीडी बढ़ी, नहीं मिल रहा उपचार
वर्तमान में मौसमी बीमारियों के प्रकोप के चलते आम दिनों की तुलना में दो गुना मरीज पहुंच रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार गुरूवार को 650 से अधिक ओपीडी रही। इस दौरान महज एक चिकित्सक की मौजूदगी व्यवस्थाओं की स्वयं पोल खोल रहा है। पुराने चिकित्सकों के साथ ही अब नवपदस्थ डाक्टर भी उसी रंग में रंग गए हैं, ड्यूटी पर तैनात रहने के बजाय गायब रहना इनकी भी आदतों में आने लगा है।
यह रही डाक्टरों की स्थिति
गुरूवार को मेडीसिन का चेम्बर खाली रहा, इस संबंध में बताया गया कि डाक्टर अमित चौकसे को शिविर में तैनात किए जाने की वजह से वह नहीं आए है। इसके अलावा डाक्टर जीसी चौरसिया अवश्य बैठे मरीजों को देख रहे थे। आकस्मिक ड्यूटी पर तैनात डाक्टर साधना पटैल आपरेशन थियेटर में डिलेवरी कराने गई। वहीं आन काल ड्यूटी डाक्टर संतोष शर्मा का फोन बंद रहा।
प्रशासनिक अधिकारी नाम के
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अस्पताल की व्यवस्थाओं को देखने कर्नल व्हीके पाराशर को को प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त किया है। इसमें भी हाल यह है कि यह नाम के प्रशासनिक अधिकारी है। इन्हें डाक्टरों पर नियंत्रण के लिए कोई आदेश नहीं है, इसके अलावा तृतीय व चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों पर निगरानी जरूर सौंपी गई है, लेकिन सिविल सर्जन के माध्यम से ही सब काम होना है तो कड़ाई नहीं हो पा रही है। इससे शासन द्वारा नियुक्त प्रशासनिक अधिकारी के औचित्य पर भी प्रश्नचिन्ह लगता है।
जबाबदारों के यह हाल
अस्पताल के इन हालातों के संबंध में सिविल सर्जन से संपर्क का प्रयास किया लेकिन वे कार्यालय में मौजूद नहीं थे। स्टाफ ने बताया कि किसी बैठक में शामिल होने गए हैं। वहीं सीएमएचओ ने कहा कि अस्पताल की व्यवस्था सिविल सर्जन के हवाले हैं वहीं इसका जबाब देंगे। यही हाल यहां पदस्थ प्रशासनिक अधिकारी का भी रहा।
Created On :   15 Sept 2017 1:13 PM IST