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पिता की अर्थी को कंधा देकर बेटी ने दी मुखाग्नि, निभाया फर्ज
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डिजिटल डेस्क शहडोल। बेटियों ने बेटों का फर्ज निभाते हुए पिता का अंतिम संस्कार कर उनकी अंतिम इच्छा पूरी की है। यह मामला धनपुरी नगर का है। धनपुरी के विलियस में रहने वाले 72 वर्षीय रिटायर्ड कालरी कर्मी रमेश प्रसाद महोबिया का लंबी बीमारी के बाद शुक्रवार की शाम निधन हो गया। रमेश के बेटा नहीं होने के कारण उनकी तीन बेटियों में एक बेटी ने बेटे का फर्ज निभाया। तीनों बेटियों ने अर्थी को कांधा दिया और बड़ी बेटी देविका महोबिया ने चिता को मुखाग्नि दी। बेटियों बबली, चंदा व देविका महोबिया के अपना फर्ज निभाते हुए जिसने भी यह नजारा देखा, सभी नम आंखों से सराहना किए बना नहीं रह सके।
जानकारी के अनुसार रमेश प्रसाद महोबिया वर्ष 2000 में कालरी से रिटायर हुए थे। कुछ समय बाद उनकी तबियत खराब रहने लगी। उनकी तीन बेटियां हैं, लेकिन बेटा नहीं था। वह कहते थे कि मेरे मरने के बाद तुम बेटियां ही मेरा अंतिम संस्कार कर बेटों का फर्ज निभाना। लंबे समय से बीमार रमेश महोबिया ने शुक्रवार को अंतिम सांस लीं। अचानक पिता की मौत होने पर परिवार वाले व स्थानीय मोहल्ला वासियों ने शव का अंतिम संस्कार करने के लिए पार्थिव शरीर को विलियस स्थित श्मसान घाट लाए। इस दौरान बेटियों ने अपने पिता की अर्थी को कंधा देकर अपने घर से विदा किया। पिता की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए बड़ी बेटी ने मुखाग्नि दी।
Created On :   18 Oct 2020 5:34 PM IST