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आयुक्त हाईकोर्ट में पेश होकर स्पष्ट करेंगे क्यों नहीं पेश की गई सीवर लाइन के लिए योजना
डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट में जबलपुर नगर निगम आयुक्त 8 अप्रैल को पेश होकर स्पष्ट करेंगे कि जबलपुर के जोन क्रमांक 2, 3, 4 और 5 में सीवर लाइन का काम पूरा करने के लिए राज्य सरकार को योजना क्यों नहीं भेजी गई। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस संजय द्विवेदी की डिवीजन बैंच ने यह आदेश राज्य सरकार के जवाब को देखने के बाद दिया है।
राज्य सरकार की ओर से उपमहाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने जवाब प्रस्तुत कर बताया था कि जबलपुर के जोन क्रमांक 2, 3, 4 और 5 में सीवर लाइन के काम को पूरा करने के लिए राज्य सरकार के पास अमृत योजना के तहत 90 करोड़ रुपए का बजट है। नगर निगम की ओर से राज्य सरकार के पास अभी कोई योजना पेश नहीं की गई है। इस पर डिवीजन बैंच ने नगर निगम आयुक्त को 8 अप्रैल को कोर्ट में हाजिर होकर स्पष्ट करने के लिए कहा है कि सीवर लाइन के लिए राज्य सरकार के पास क्यों नहीं योजना पेश की गई।
यह है मामला-
हाईकोर्ट ने वर्ष 2017 में जबलपुर शहर में सीवर लाइन के आधे-अधूरे काम को लेकर स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की है। इस मामले में रसल चौक निवासी कांग्रेस नेता सौरभ शर्मा की ओर से भी जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका की सुनवाई के दौरान बताया गया कि जबलपुर में सीवर लाइन का काम वर्ष 2006 में शुरू हुआ था। लगभग 490 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी 15 साल में 33 प्रतिशत काम हो पाया है। हाईकोर्ट ने प्रदेश के चीफ टेक्नीकल एग्जामिनर को सीवर लाइन के काम का परीक्षण करने का आदेश दिया था। चीफ टेक्नीकल एग्जामिनर ने इस मामले में अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है।
Created On :   7 April 2021 10:28 PM IST