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उज्जैन: कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा की
डिजिटल डेस्क, उज्जैन। उज्जैन शुक्रवार को सिंहस्थ मेला कार्यालय के सभाकक्ष में कलेक्टर श्री आशीष सिंह और जिला पंचायत सीईओ श्री अंकित अस्थाना ने महिला बाल विकास विभाग के अन्तर्गत जिले में संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की। डीपीओ श्री गौतम अधिकारी ने पावर पाइन्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी कि उज्जैन जिले के अन्तर्गत कुल 14 बाल विकास परियोजना और 1945 आंगनवाड़ी केन्द्र है, जिनमें कुल मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र की संख्या 182 है। आईसीपीएस के अन्तर्गत बालक-बालिका गृहों की शासकीय संस्थाओं में तीन शासकीय बाल गृह, बालिका गृह और बाल सम्प्रेषण गृह तथा दो शिशु गृह और सुधार गृह हैं। कलेक्टर ने कहा कि विभाग द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के रिक्त पदों की पूर्ति शीघ्र-अतिशीघ्र की जाये। जिले में कुपोषित बच्चों के सर्वे का कार्य घर-घर जाकर किया जाये। समस्त कार्यकर्ता व सहायिकाएं इस ओर विशेष ध्यान दें। बैठक में प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने कहा कि जब आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सर्वे के लिये घर-घर जाये तो इस योजना के अन्तर्गत फार्म भी कलेक्ट करें। समस्त सीडीपीओ अपने-अपने क्षेत्र में सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों का समय-समय पर भ्रमण करें। बैठक में पोषण पुनर्वास केन्द्र की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने कहा कि एनआरसी के लिये अर्ली आइडेंटिफिकेशन बेहद जरूरी है। इस ओर विशेष ध्यान दिया जाये। बैठक में जानकारी दी गई कि विभाग द्वारा जिले में बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिये आकाशवाणी के माध्यम से कई कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। कलेक्टर द्वारा जिले में लाड़ली लक्ष्मी योजना के अन्तर्गत छात्रवृत्ति, लिंगानुपात, विकास खण्डवार शिशु जन्म लिंगानुपात की स्थिति की समीक्षा भी की गई। एनआरसी में बच्चों की मेपिंग करने के निर्देश दिये गये। सीईओ जिला पंचायत श्री अंकित अस्थाना ने कहा कि हर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा इस बात की पूरी जानकारी रखी जाये कि उनके क्षेत्र में रहने वाली कितनी गर्भवती महिलाओं ने क्षेत्र के बाहर जाकर प्रसूति करवाई है, इसका पूरा रिकार्ड संधारित किया जाये। बैठक में जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्री साबिर अहमद सिद्धिकी और समस्त सीडीपीओ मौजूद थे।
Created On :   8 Aug 2020 3:29 PM IST