नही मिला क्लेम, स्टार हेल्थ के खिलाफ बीमित पहुंचा कंज्यूमर कोर्ट।

The claim was not received, the insured reached the consumer court against Star Health.
नही मिला क्लेम, स्टार हेल्थ के खिलाफ बीमित पहुंचा कंज्यूमर कोर्ट।
झूठ बोलकर जिम्मेदार कर रहे गुमराह नही मिला क्लेम, स्टार हेल्थ के खिलाफ बीमित पहुंचा कंज्यूमर कोर्ट।

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। बीमा कंपनी अपने लाभ के लिए कुछ भी करने को तैयार रहती है। इसके लिए उन्हें अपने ग्राहको के साथ धोखा करना पड़े तो वह भी वे करने में जुट जाते हैं। अस्पताल में कैशलेस से मना कर दिया जाता है और जब बीमित क्लेम के लिए दस्तावेज सम्मेट करते है तो उन दस्तावेजों में अनेक खामियां निकाल कर नो क्लेम करने में पीछे नही रहते है। गलत रिपोर्ट का आधार बनाकर पॉलिसी धारक को चक्कर लगवाने में मजबूर कर दिया जाता है। यहां तक की बीमित को झूठा साबित करने के लिए कई तरह के फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर दिए जाते है। जिसके कारण बीमित को उपभोक्ता फॉर्म का सहारा लेना पड़ रहा है। बीमित को सही जवाब भी बीमा कंपनी नही दे रही है। पीडि़त पॉलिसी धारक बीमा कंपनी के जिम्मेदारो के विरुद्ध गंभीर आरोप भी लगा रहे है। 

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ-

इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है, तो आप दैनिक भास्कर, जबलपुर के मोबाइल नंबर -9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

कोरोना से ग्रसित व्यक्ति के साथ किया है धोखा- 

बल्देवबाग के समीप आनंद कॉलोनी निवासी बीपी दुबे ने अपनी शिकायत में बताया कि, उन्होंने स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से स्वास्थ्य बीमा कराया हुआ था। प्रीमियम राशि भी जमा करते आ रहे थे। उन्हें वर्ष 2021 में कोरोना हो गया था। कोरोना के कारण उन्हें निजी अस्पताल में चिकित्सकों की सलाह पर उपचार के लिए भर्ती होना पड़ा था। वहां पर स्टार हेल्थ कंपनी का कैशलेस कार्ड दिया तो बीमा अधिकारियों ने बिल सम्मेट करने पर भुगतान किए जाने का दावा किया था। अस्पताल से ठीक होने के बाद नियमानुसार दो सप्ताह घर पर रहा और उसके बाद अस्पताल में किए गए भुगतान के सारे बिल बीमा कंपनी में सम्मेट किए गए तो उसमें अनेक तरह की कमियां निकालकर बीमित को क्लेम डिपार्टमेंट, सर्वेयर टीम के द्वारा परेशान किया गया। सारे दस्तावेज अस्पताल में माध्यम से सत्यापित कराकर भेजे तो सारे बिलों में नियमों का हवाला देकर 60 प्रतिशत के करीब कटौती कर दी। कटौती किए जाने के कारण बीमा कंपनी में कई मेल किए और ब्रांच मैनेजर से मुलाकात की पर जब कही सुनवाई नही हुई तो परेशान होकर कंज्यूमर कोर्ट में आवेदन देना पड़ा। पीडि़त का आरोप है कि जिम्मेदार लोग आम लोगों के साथ गोलमाल कर रहे है और उन्हें तरह-तरह से परेशान कर क्लेम नही दे रहे है।
 

Created On :   21 April 2022 12:01 PM GMT

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