मंडप लगाने के साथ घर में निभाई जा रहीं थी हल्दी की रस्में

The brides absconded after the relationship was fixed
मंडप लगाने के साथ घर में निभाई जा रहीं थी हल्दी की रस्में
रिश्ता तय होने के बाद दुल्हनें फरार मंडप लगाने के साथ घर में निभाई जा रहीं थी हल्दी की रस्में

डिजिटल डेस्क कटनी ! कैमोर थाना अंतर्गत बड़ारी निवासी जगदम्बा प्रसाद दीक्षित(76) अपने दोनों बेटों की बहू लाने का सपना संजोते हुए गिरोह के झांसे में आकर तीन लाख रुपए गंवा बैठे। शादी तय कर धोखाधड़ी करने वाले दो दलाल अरुण कुमार तथा मनसुख रैकवार, तथाकथित मां बबीता तिवारी और फर्जी मामा केशव प्रसाद को कैमोर पुलिस ने हिरासत में लिया है। गिरोह में दो लड़कियां भी शामिल रहीं। जिन्हें दुल्हन बनाकर आरोपी वर पक्ष से रिश्तेदारी तय करते थे।दोनों दुल्हनें फरार हैं। जगदम्बा प्रसाद से गिरोह के सदस्य 1 लाख 10 हजार और उमरिया जिले के धनवाही निवासी राकेश पाठक से 1 लाख 26 हजार रुपएलिए। सभी आरोपी सतना जिले के रहने वाले रहे। गिरोह के सदस्य उन लोगों कोअपना शिकार बनाते थे। जिनके बेटों की शादी में समय लगता था। सबसे पहले दोदलाल उनके घरों तक पहुंचते। इसके बाद रिश्ते के लिए फोटो दिखाते हुए झांसे में लेकर शादी भी तय कर देते। रविवार को प्रेस वार्ता में पुलिस अधीक्षक सुनील जैन और कैमोर थाना प्रभारी अरविंद जैन ने इस गिरोह का पर्दाफाश किया। पहचान छिपाते थे आरोपी तथाकथित दुल्हनें की तथाकथित मां बबीता तिवारी सतना की रहने वाली रही। गिरोह के पकड़ाए अन्य सदस्य अपनी पहचान और जाति छिपाए हुए थे। मामा बनकर जिस केशव प्रसाद तिवारी ने शगुन करवाया था। उसका असली नाम केशव साकेत रहा। भाई दीपक तिवारी भी फर्जी निकला। इसका असली नाम दीपक चौधरी रहा। ये सभी आरोपी सतना जिले के अलग-अलग क्षेत्र के रहे। केशव प्रसाद करकोठी का और दीपक रामपुर बघेलान का रहने वाला रहा। दलाल अरुण तिवारी और मनसुख रैकवार कोतगंवा थाना क्षेत्र अंतर्गत सिंधी कैंप के रहने वाले रहे। बबीता भी सिंधी कैंप की ही रहने वाली रही। जेठ की मृत्यु का बहाना मंडप लगाने के बाद रिश्तेदार हल्दी की रस्म में नाचते-गाते हुए आपस में खुशियां मना रहे थे कि बारात के एक दिन पहले आगे की रस्म में बे्रक लग गया, जब तथाकथित दुल्हनें की मां ने फोन में वर पक्ष को जानकारी दी कि जेठ की मृत्यु हो जाने से शादी नहीं हो सकेगी। वृद्ध दुख: में शामिल होने के लिए सतना पहुंचे। यहां पर उस घर में ताला लगा मिला। पड़ोसियों से पूछताछ में पता चला कि वे लोग यहां पर किराए से रहते थे। वधु पक्ष के लोग से मोबाइल पर संपर्क किया तो वह स्वीच आफ मिला। इसके बाद पीडि़त थाने पहुंचकर लिखित में शिकायत दर्ज कराई। कैमोर पुलिस और उनकी टीम ने बीस दिन के अंदर ही आरोपियों तक जा पहुंची। तंगी का हवाला देकर लिए रुपए दलाल पहले ही यह बता देते थे कि वधु पक्ष की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। शादी तय होने के बाद गिरोह के सदस्य इसी को आधार बनाकर वर पक्ष को लूटने का प्रयास करते थे। जगदम्बा प्रसाद के बेटों की शादी 27 नवंबर को होनी थी। इसके पहले 11 नवंबर को गिरोह के सदस्य कैमोर में आकर जगदम्बा प्रसाद से नकद 60 हजार रुपए लिए। इसके बाद भी अलग-अलग दिनों में बबीता तिवारी ने अपने अकाउंट में पीडि़त से 50 हजार रुपए जमा कराए। जगदम्बा प्रसाद ने बताया कि उनके पांच बेटे हैं। तीन बेटों की शादी हो चुकी है। दोनों बेटों की शादी के लिए 3 लाख 50 हजार रुपए में वे अपनी जमीन बेचे थे। इसमें से 1 लाख 10 हजार आरोपियों को और 1 लाख रुपए टेंट, बाजा और खाना के लिए एडवांसदे चुके थे। इसके साथ बची रकम में वे जेवरात और अन्य सामग्री भी खरीदे।उमरिया में भी सदस्यों ने की ठगी गिरोह के सदस्य उमरिया में भी शादी का लालच देकर ठगी किए थे। राकेश पाठक के रिश्ते में एक युवक शादी के लिए रहा। राकेश पाठक भी गिरोह की ठगी का शिकार होकर 1 लाख 26 हजार रुपए गंवा बैठे। पुलिस अधीक्षक सुनील जैन ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में अलग-अलग जिलों में गिरोह के सदस्यों ने करीब तीन से चार लोगों को भी शिकार बनाया है। पतासाजी शुरु कर दी गई है।

Created On :   20 Dec 2021 4:18 PM IST

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