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दूल्हा-दुल्हन राजी, ऐन वक्त पर नया फरमान, शादी अभी ना-जी
डिजिटल डेस्क जबलपुर। अधारताल निवासी राजेश विश्वकर्मा ने अपनी बेटी की विदाई के लिए तमाम इंतजाम जुटाए। सबसे पहले प्रशासन से अनुमति हासिल की और फिर शहनाई, ढोल, लाइटिंग, टेंट की बुकिंग फाइनल कर दी। ऐन वक्त पर प्रशासन की ओर से फरमान आया कि संक्रमण को देखते हुए अब शादी की मंजूरी नहीं दी जा सकती। तकरीबन 1,400 शादी समारोह की पूर्व में दी गई अनुमति को भी रद्द किए जाने से सारी तैयारियाँ धरी की धरी रह गईं हैं।
इस तरह की परेशानी अकेले राजेश विश्वकर्मा की नहीं बल्कि हर उस घर की कहानी है जहाँ शादी का मंडप खड़ा होने जा रहा था। लॉकडाउन के बाद भी संक्रमण पर कंट्रोल न होने के कारण प्रशासन को इस तरह के सख्त फैसले लेने पड़े। हालाँकि शादी की अनुमति रद्द किए जाने के आदेश से पहले ही काफी परिवारों ने विवाह समारोह टाल दिए थे। लेकिन इसके बावजूद भी जिले में होने वाली शादियों की संख्या कम नहीं थी।
10 की प्लानिंग बाकी पहले ही रद्द-
केटरर्स, मैरिज गार्डन और टेंट व्यवसायियों के अनुसार शहर में तकरीबन 40 प्रतिशत शादियाँ पहले ही टाली जा चुकी थीं। 50 मेहमानों के बाद 10 किए जाने से रही सही कसर और पूरी हो गई। इसके बावजूद 10 प्रतिशत परिवार ऐसे भी रहे जो आनन-फानन में शादी को बेहद सीमित करते हुए तय मुहूर्त में ही सब कुछ संपन्न कराने की तैयारी में जुटे रहे।
अप्रैल जैसा बीता, मई भी वैसे बीत रहा-
जिस तरह से अप्रैल महीने के मुहूर्त पर संक्रमण की काली छाया रही ठीक वैसे ही मई का महीना भी बीत रहा है। 22 अप्रैल से मुहूर्त शुरू हुए थे लेकिन इससे काफी पहले वायरस अपना प्रकोप दिखा चुका था। कई शादियाँ शनिवार-रविवार को पड़ीं और उन्हीं दिनों लॉकडाउन रहा। लिहाजा पहले ही रद्द कर दिया गया। इसके बाद मई में 1,2,7,8,9,21,22,23,28 के मुहूर्त तो हैं लेकिन प्रशासन की अनुमति नहीं। जून में 4,5,6 के अलावा 18,19,20,25,26 के विवाह के शुभ मुहूर्त जरूर हैं लेकिन अधिकांश परिवारों का अब मानना है कि 50-50 में रहने से बेहतर शादी कैंसल करना ज्यादा सही है।
िकस तहसील में कितनी परमीशन निरस्त
जबलपुर- 80
कुण्डम- 230
पाटन- 280
सिहोरा- 274
मझौली- 185
पनागर- 55
बरगी- 156
Created On :   8 May 2021 10:33 PM IST