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कम आवक से गन्ने की कीमत में उछाल
डिजिटल डेस्क, अकोला. बाजार में अंजनगांव, परतवाडा साईड से गन्ना पहुंचता है। दिवाली के महीने में गन्ने की अधिक आवक रहकर ग्राहकों की मांग भी बढ़ती है। लेकिन सर्दियों का मौसम होने से गन्ने के लिए मांग कम हो रही है, साथ ही आवक भी कम हुई है। अक्टूबर महीने से बाजार में गन्ना बिक्री के लिए आता है। परंतु फिलहाल गन्ने की आवक कम होने से उसके दाम में उछाल आकर दिवाली के 30 से 40 रूपए में मिलने वाला एक गन्ना, अब 60 रूपए में एक और 120 रूपए में दो मिल रहे है। दशहरे से जनवरी तक गन्ने का सीजन रहता है। यह अंतिम सीजन होने से उसकी आवक भी कम हुई है और दाम में वृद्धि हुई है। हर साल गन्ने की भरपुर मात्रा में आवक रहती है। लेकिन इस वर्ष गन्ने की आवक बहुत ही कम हो रही है। जिससे दाम बढ़ गए है। फिलहाल काले रंग का गन्ना बाजार में उपलब्ध है। जो खाने के लिए होता है। गुड़ बनाने के लिए गन्न अलग किस्म का होता है, ऐसी जानकारी गन्ना विक्रेता सैयद शकील ने दी है।
उन्होंने कहा कि, सर्दियों के दिनों में बाजार में कई किस्म के गन्ने आते है, एक हल्के स्वरूप का और दूसरा भारी यानी एक छोटी साइज में और दूसरा बड़ी साईज में रहता है। देश भर में कई किस्म के गन्ना उगाये जाते हैं, जिनमें लाल, सफेद, काला आदि किस्म के गन्ना हैं। लेकिन फिलहाल अकोला बाजार में काला गन्ना है और उसकी आवक कम मात्रा में हो रही है। गन्ने से गुड़, शक्कर (चीनी), खांड़ आदि खाद्य पदार्थ बनाए जाते हैं। यह हमारे देश की मुख्य फसलों में से एक है। गन्ना का प्रयोग बहुत सालों से किया जा रहा है। कई स्थानों पर गन्ना की खेती की जाती है। इसके पेड़ डंडे जैसे लंबे होते हैं। इसका स्वाद बहुत ही मीठा होता है। गन्ना औषधीय गुणों से भरपूर होता है।
सर्दियों की शुरूआत के साथ बाजारों में गन्ना आने लगता है। गन्ने में कई पोषक तत्व होते है, जैसे कि इसमें आयरन, मैग्नेशियम, विटामिन बी1, राईबोफ्लेविन होता है। साथ ही इसमें कई एन्टीऑक्सीडेंट होते है, जो कि आपको हेल्दी रखने में मदद करते है। साथ ही गन्न पेट को साफ करने और खुलकर पेशाब करने में मदद करता है। जिन्हें यह समस्या है, उन्होंने गन्ने का जूस पीना चाहिए, ऐसा आयुर्वेदिक चिकित्सक का मानना है।
Created On :   22 Dec 2022 6:10 PM IST