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चकरार नदी की बाढ़ में सारी रात फंसे रहे विद्यार्थी
डिजिटल डेस्क डिण्डौरी। यहां चकरार नदी में बाढ़ आ जाने के कारण स्कूल के बच्चे सारी रात फंसे रहे । एक ओर बच्चे नदी का पानी कम होने का इंतजार कर रहे थे तो दूसरी ओर उनके परिजन टकटकी लगाए अपने बच्चों का इंतजार करते रहे ।चकरार नदी में आई बाढ़ के कारण स्कूली विद्यार्थी अपने घरों को नहीं पहुंच सके है और वे बाढ़ के कारण फंसे हुए थे । भूखे-प्यासे विद्यार्थियों को बजाग के लोगों ने सहारा दिया है। बताया जाता है कि बजाग से 10 किलोमीटर दूर से विद्यार्थी प्रतिदिन पढऩे के लिए यहां आते है। जहां ग्राम बिजौरा, खम्हेरा, खपरीपानी, शीतलपानी के 100 से अधिक विद्यार्थी शाम चार बजे स्कूल छूटने के बाद चकरार में आई बाढ़ के कारण फंसकर रह गए। यहां रात्रि नौ बजे तक पानी कम न होने के कारण विद्यार्थियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं दूसरी ओर अनेक वाहन भी फंस गए और नदी के दूसरे छोर पर विद्यार्थियों के परिजन भी डेरा डाले बैठे हुए है जो नदी के पानी के कम होने की राह देख रहे थ्रे। यहां ऐसे हालात आए दिन बनते है। जिससे लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है और यहां ग्रामीणों ने प्रशासन से भी कई बार नए पुल बनाए जाने की मांग की है, लेकिन पुराने पुल का न तो जीर्णोद्धार हुआ और न ही यहां नए पुल बनाए जाने के लिए कोई प्रयास किए गए।
इस बार चौथी बार बाढ़
इस वर्ष बारिश के सीजन में चौथी बार बाढ़ का सामना लोगों को करना पड़ा है वहीं सितम्बर माह में यह हालात दूसरी बार बने है। पुल की ऊंचाई कम होने के कारण यह पुल कम बारिश में भी उफना जाता है और बजाग से बिजौरा जाने वाला मार्ग पूरी तरह बंद हो जाता है। ऐसे हालात में कोई दूसरा रास्ता न होने के कारण लोग बाढ़ में फसकर रह जाते है और घण्टों बाढ़ का पानी कम होने का इंतजार करते है। बताया जाता है कि हर वर्ष ऐसे हालातों के चलते ग्रामीणों ने कलेक्टर, सीएम हेल्पलाइन, जिला पंचायत व सेतु निर्माण के नाम पत्र लिखकर इस मार्ग पर पुल बनाए जाने की मांग की थी। जो कि अब तक पूरी नहीं हुई है।
जर्जर हो चुका है पुल
ग्रामीणों का कहना है कि चकरार नदी पर बनाया गया यह पुल जर्जर अवस्था में भी पहुंच चुका है जहां नए पुल की दरकार की जा रही है। यहां बारिश की मार के कारण जहां पुल के नीचे के हिस्से में कई स्थान पर दरारें आ चुकी है वही सड़क भी पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। जिसके कारण लोगों का इस पुल से निकलना भी खतरे से खाली नहीं रहता है। पुल की जर्जर स्थिति के बावजूद भी प्रशासनिक अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे है। जबकि बजाग से बिजौरा होते हुए करंजिया को जोडऩे वाले इस मार्ग पर आधा सैकड़ा से अधिक ग्राम पड़ते है। जिससे लोगों का बजाग आना-जाना भी प्रभावित होता है। वहीं बाढ़ के कारण कई बार लोग दो-तीन दिनों तक घर में कैद होकर रह जाते है।
Created On :   21 Sept 2017 5:16 PM IST