गडकरी के घर के सामने विद्यार्थियों ने लगाई पाठशाला, बोले- स्कूल दो, जीवनदान दो

Students set up school in front of Gadkaris house, said - give school, give life
गडकरी के घर के सामने विद्यार्थियों ने लगाई पाठशाला, बोले- स्कूल दो, जीवनदान दो
मांग गडकरी के घर के सामने विद्यार्थियों ने लगाई पाठशाला, बोले- स्कूल दो, जीवनदान दो

डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितीन गडकरी से न्याय दिलाने का निवेदन करने वाले तो अक्सर दिखाई देते हैं, लेकिन सोमवार को अलग ही नजारा था। वर्धा मार्ग स्थिति बहुमंजिला इमारत में गडकरी आवास के सामने सुबह 9 से 10 बजे के बीच बच्चों की पाठशाला शुरू हो गई। ये बच्चे 200 किमी दूर अमरावती जिले से आए थे। कुछ परिवार से बिछुड़े, तो कुछ नए अभिभावकों के साथ थे। हाथ में तख्तियां लेकर बच्चे कह रहे थे- स्कूल दिलाओ, शिक्षा दिलाओ, जीवनदान दो। गडकरी जल्दबाजी में थे। गोवा में विकास परियोजना के कार्यक्रम के सिलसिले में जाने के लिए उनका विमान तैयार था, लेकिन उन्होंने बच्चों व उनके साथ आए लोगों से मुलाकात कर चर्चा की। उनकी समस्या दूर करने में सहयोग का आश्वासन दिया। बाद में बच्चों ने रहाटेकाॅलोनी चौक स्थित कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले के आवास के सामने फुटपाथ पर धरना दिया। पटोले के परिजनों ने बताया कि वे मुंबई में हैं। लिहाजा प्रतिनिधि के तौर पर रमण पैगवार ने निवेदन स्वीकार कर पटोले को देने का आश्वासन दिया। बच्चों के साथ बबन गोरामन, अनिल पवार, शीला शिंदे, प्रतिभा भोसले, संजय पवार सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ता थे। शिक्षा व इमारत की मांग के लिए हुए इस प्रदर्शन की पहले भी चर्चा में रही है। 

इससे जुड़े लोगों का कहना है कि यह संघर्षशील जीवन का बचपन में ही संघर्ष का प्रतीक है। 2011 में आश्रमशाला की स्थापना की गई। उस समय वहां फासे पारधी समुदाय के बच्चों को दाखिला दिलाया गया। इस समुदाय को अंगेरेजों ने क्रिमिनल ट्राइब अर्थात आपराधिक प्रवृति का आदिवासी कहा था। हालांकि समाज काे अब भी विकास की धारा से दूर माना जाता है। ऐसे में समाज के वंचित वर्ग को शिक्षा से जोड़ने के उद्देश्य के साथ आश्रमशाला शुरू की गई। उसमें चेन्नई, नागपुर, हैदराबाद, मुंबई समेत अन्य शहरों से उन बच्चों को लाया गया, तो रेलवे स्टेशन पर भीख मांगते मिले या फिर मानव तस्करी के पीड़ित पाए गए। आरंभ में 188 बच्चे आश्रमशाला में थे। इसे तैयार करने के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं के सहयोग से 1.77 करोड़ रुपए जुटाया गया था। समृद्धि परियोजना के लिए आश्रमशाला की इमारत ढहाने के बाद बच्चे खुले स्थान पर पढ़ने को विवश हो गए हैं। संस्था के संचालक मतीन भोसले के अनुसार इस आश्रमशाला के लिए 10 एकड़ जमीन देने का प्रस्ताव राज्य के राजस्व विभाग के पास है, लेकिन उसपर अमल नहीं हो पा रहा है। 

Created On :   4 Jan 2022 7:54 PM IST

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