गुरु पुष्य, सर्वार्थ सिद्धि औरअमृत सिद्धि योग में बाजार में जोरदार ग्राहकी

Strong subscription in the market in Guru Pushya, Sarvartha Siddhi and Amrit Siddhi Yoga
गुरु पुष्य, सर्वार्थ सिद्धि औरअमृत सिद्धि योग में बाजार में जोरदार ग्राहकी
वर्षों बाद गुरु और शनि का दुर्लभ संयोग  गुरु पुष्य, सर्वार्थ सिद्धि औरअमृत सिद्धि योग में बाजार में जोरदार ग्राहकी

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा । आज गुरुवार 28 अक्टूबर को पूरे दिन गुरु पुष्य योग होने से स्वर्ण आभूषणों व आटो सेक्टर में अच्छी खरीददारी देखी जा रही है । दोपहर से प्रारंभ हुआ खारीदी का सिलसिला धीरे धीरे बढऩे लगा और उम्मीद की जा रही थी कि शाम होते होते बाजार मेें जर्बदस्त ग्राहकी हो सकती है । इस संबंध में बताया गया ह ैकिगुरुवार 28 अक्टूबर को पूरे दिन और रात पुष्य नक्षत्र है। इस दिन गुरुवार होने से गुरु पुष्य योग बना है। इसके साथ ही आज अमृत सिद्धि योग व सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार गुरु पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग का यह विशेष संयोग चल-अचल संपत्ति की खरीदारी व निवेश के लिए बहुत शुभ रहेगा। इस साल गुरु व शनि, शनि के स्वामित्व वाली मकर राशि में एक साथ हैं। दोनों ग्रह मार्गी रहेंगे और इन पर चंद्र की दृष्टि होगी। चंद्र धन का कारक ग्रह है। यह योग हर प्रकार से मंगलकारी रहेगा। इन शुभ संयोगों से दीपावली और धनतेरस के पहले गुरु पुष्य नक्षत्र पर खरीदी का महायोग बन रहा है।
आज पूरे दिन और रात रहेगा पुष्य नक्षत्र
पंडित सौरभ त्रिपाठी ने बताया कि 28 अक्टूबर, गुरुवार को पुष्य नक्षत्र रहेगा। इस दिन चंद्रमा कर्क राशि में विराजमान रहेगा। 28 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र प्रात: 6  बजकर 24 मिनट से  29 अक्टूबर को प्रात: 8 बजकर 01 मिनट तक रहेगा।  इस दिन गुरु पुष्य योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग एवं अमृत सिद्धि योग भी बन रहे हैं।
नक्षत्रों का राजा माना जाता है पुष्य नक्षत्र
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 27 नक्षत्रों के चक्र में पुष्य नक्षत्र आठवां नक्षत्र होता है। इसे नक्षत्रों का राजा कहा जाता है। इस नक्षत्र के देवता बृहस्पति हैं और स्वामी शनि हैं। पुष्य नक्षत्र कोई भी नया कार्य, व्यवसाय या खरीदारी करने के लिए अति शुभ माना जाता है। पुष्य नक्षत्र शनि दशा को दर्शाता है। शनि स्थिरता के घोतक हैं। इस कारण पुष्य नक्षत्र में किए गए कार्य चिरस्थाई माने जाते हैं, जो कि खरीददारी के लिए श्रेष्ठ है।
दुर्लभ संयोग में शुभ रहेगी खरीदारी व निवेश
पंडित सौरभ त्रिपाठी ने बताया कि पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि देव हैं और देवता देव गुरु बृहस्पति हैं। विशेष बात यह है कि ये दोनों ही ग्रह मकर राशि में विराजमान हैं, यानि मकर राशि में शनि और गुरु की युति बनी हुई है। इसके साथ गुरु पुष्य नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है। ऐसा संयोग कई साल बाद बना है। शुभ कार्यों की शुरुआत, खरीदारी व निवेश करने के लिए इस दिन विशेष योग बन रहा है। इस दिन खरीदारी के लिए सूर्य उदय से पूरा दिन ही शुभ रहेगा। इन दुर्लभ योग में भूमि-भवन, वाहन, सोने-चांदी के आभूषण, फर्नीचर, इलेक्ट्रानिक्स सामग्री सहित चल-अचल सामग्री खरीदने पर शुभ फल प्राप्त होता है। इस दिन नया कारोबार भी शुरू कर सकते हैं। इसके साथ ही घर में इस्तेमाल होने वाली चीजें खरीदना भी शुभ फलकारी रहेगा।

Created On :   28 Oct 2021 2:54 PM IST

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