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स्टार हेल्थ ने कोरोना के इलाज का क्लेम देने से किया इंकार
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। बीमा कंपनी के एजेंट व ब्रांच के अधिकारी नियम व गाईड लाइन से पॅलिसी खरीदने वालों को अवगत नही कराते हैं। यहां तक की किसी तरह की नियमावली की छायाप्रति भी नही देते हैं। बीमा करने के बाद जो फोल्डर देते है उसमें अंग्रेजी में छोटे शब्दो में लिखा होता है जो अधिकांश लोगों को समझ में नही आता है। जब बीमित को पॉलिसी का लाभ लेना होता है तब अनेक प्रकार के नियम उनके सामने रख दिए जाते है। अस्पताल में कैशलेस से मना कर दिया जाता है और बिल सबमिट होने के उपरांत अनेक क्वेरी निकाली जाती हैं। क्वेरी निकालने के बाद बीमा कंपनी के द्वारा क्लेम रिजेक्ट कर दिया जाता है या फिर 30 प्रतिशत भुगतान कर मामले से इतिश्री करने का खेल जारी हैं। पॉलिसी धारक जब जवाब मांगता है तो बीमा कंपनी का क्लेम डिपार्टमेंट के जिम्मेदार अपने हाथ खड़े कर लेते है और किसी तरह का जवाब नही देते हैं, ऐसी स्थिति में बीमित को अपने हक की लडाई लडऩे के लिए कंज्यूमर कोर्ट जाना पड़ रहा है।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ-
इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर, जबलपुर के मोबाइल नंबर -9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।
पुरानी बीमारी का हवाला देकर चुप्पी साध ली जिम्मेदारो ने-
गोपाल सदन गोपाल विहार निवासी प्रेम नारायण नेमा ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होने स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से स्वास्थ्य बीमा कराया था। बीमा कराने के बाद बीमा अधिकारियों ने कहा था कि आपको किसी भी बीमारी के इलाज के दौरान अस्पताल में कैशलेस होगा। कैशलेस नही होने की स्थिति में बिल सम्मेट करने पर सारा भुगतान बीमा कंपनी आपके एकाउंट में जमा करेगी। बीमित ने आरोप लगाते हुए बताया कि वर्ष 2021 में वे कोरोना संक्रमण के शिकार हो गए थे। उन्हें निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती होना पड़ा था। इलाज के दौरान बीमा कंपनी स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी का कैशलेस कार्ड दिया तो बीमा कंपनी ने कैशलेस करने से इंकार कर दिया। उन्हें अपने पास से 1 लाख 90 हजार का भुगतान करना पड़ा। ठीक होने के बाद जब उन्होने बीमा कंपनी में बिल सम्मेट किए तो अनेक प्रकार की पतासाजी कराई गई और उसके बाद बीमा अधिकारियों ने क्वेरी निकाली। बीमित ने सत्यापित कराकर जब सारे दस्तावेज दिए तो क्लेम डिपार्टमेंट, सर्वेयर टीम तथा ब्रांच के अधिकारियों ने पुरानी बीमारी का हवाला देकर नो क्लेम कर दिया। बीमित लगाार बीमा कंपनी के जिम्मेदारो से संपर्क कर रहे है पर उनके द्वारा किसी भी तरह का जवाब नही दिया जा रहा है। वहीं बीमा कंपनी के अधिकारियों से संपर्क किया गया तो उनका कहना था कि मामले का परीक्षण कराने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
Created On :   27 April 2022 7:13 PM IST