स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने कहा आपको इलाज की नहीं थी जरूरत

Star health insurance company said you did not need treatment
स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने कहा आपको इलाज की नहीं थी जरूरत
बीमित का आरोप: क्लेम न देना पड़े इसके लिए किया जा रहा गोलमाल स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने कहा आपको इलाज की नहीं थी जरूरत

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। पॉलिसी बेचते समय नियम व गाइडलाइन से पॅलिसी खरीदने वालों को बीमा अधिकारी व एजेंट अवगत नहीं कराते हैं। यहाँ तक की किसी तरह की नियमावली की छायाप्रति नहीं दी जाती है। जब बीमित को पॉलिसी का लाभ लेना होता है तब अनेक प्रकार के नियम रख दिए जाते हैं और पहले तो कैशलेस से मना करते हैं और उसके बाद बिल सबमिट होने के उपरांत अनेक क्वेरी निकाली जाती हैं। क्वेरी निकालने के बाद बीमा कंपनी के द्वारा क्लेम रिजेक्ट कर दिया जाता है या फिर 30 प्रतिशत भुगतान कर मामले से इतिश्री कर दिया जाता है। पॉलिसी धारक जब जवाब माँगता है तो बीमा कंपनी के क्लेम डिपार्टमेंट के जिम्मेदार अपने हाथ खड़े कर लेते हैं और किसी तरह का जवाब नहीं देते हैं, ऐसी स्थिति में बीमित को अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए उपभोक्ता फोरम व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तक का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ 

स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

तेज बुखार आने पर दीपावली के दिन कराना पड़ा था अस्पताल में भर्ती

गाजियाबाद उत्तर प्रदेश निवासी अवनेश कुमार ने बताया कि उनके द्वारा स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से स्वास्थ्य बीमा लिया गया है। पॉलिसी क्रमांक पी/1611001/2022/051780 का कैशलेस कार्ड भी दिया गया था। 23 अक्टूबर 2022 को पत्नी ज्योति को तेज बुखार आ गया था। बेहोशी की अवस्था में निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। बीमा कंपनी को उसी दिन मेल पर सूचना देकर कैशलेस के लिए आवेदन दिया गया। बीमा कंपनी के क्लेम डिपार्टमेंट व ब्रांच के अधिकारियों ने कैशलेस से इनकार करते हुए कहा कि आप बिल सबमिट करेंगे तो हमारी कंपनी इलाज की पूरी राशि आपके खाते में ट्रांसफर कर देगी।

बीमित ने अपने खर्च पर पूरा इलाज कराया और उसके बाद बीमा कंपनी में अस्पताल की रिपोर्ट व बिल सबमिट किए। बिल सबमिट करने पर अनेक प्रकार की क्वेरी निकाली गईं तो अस्पताल में डॉक्टर से दोबारा एक सत्यापित पत्र बनवाकर दिया गया। बीमा कंपनी ने जल्द भुगतान का दावा किया पर बाद में यह कह दिया कि आपको किसी भी तरह का भुगतान नहीं किया जाएगा, बीमित को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत ही नहीं थी। बीमित का आरोप है कि हमारे साथ बीमा कंपनी के द्वारा गोलमाल किया जा रहा है।

 

Created On :   21 Feb 2023 7:04 PM IST

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