बीमित की मौत के बाद क्लेम देने में आनाकानी कर रही स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी

Star health insurance company reluctant to pay claim after death of insured
बीमित की मौत के बाद क्लेम देने में आनाकानी कर रही स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी
बीमित का आरोप: सारे दस्तावेज देने के बाद भी किया जा रहा परेशान बीमित की मौत के बाद क्लेम देने में आनाकानी कर रही स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। पॉलिसी कराने का मतलब यह है कि बीमित व्यक्ति व उसके परिवार पर वित्तीय बोझ न पड़े। स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी का मतलब भी यही होता है कि हर हाल में अस्पताल में कैशलेस मिल जाए पर ऐसा नहीं हो रहा है। इंश्योरेंस कंपनियाें की तानाशाही के कारण पॉलिसी धारक दर-दर भटकने मजबूर हो चुके हैं। हालात ऐसे हैं कि अस्पतालों का बिल चुकाने के बाद पीड़ित जब ऑनलाइन व ऑफलाइन बिल सबमिट करते हैं तो बीमा कंपनियाँ जल्द क्लेम सेटल करने का दावा करती हैं। महीनों बीत जाने के बाद भी क्लेम का भुगतान करने में आनाकानी करती हैं और बीमित जब संपर्क करता है तो किसी तरह का बीमा कंपनियाँ जवाब नहीं देती हैं। अचानक बीमा कंपनियाँ पत्र जारी करती हैं कि हम पुरानी बीमारी का क्लेम नहीं देते हैं। दोबारा सारे दस्तावेज उपलब्ध कराने के बाद भी बीमा कंपनियाँ किसी भी तरह का सहयोग नहीं करती हैं। पीड़ितों ने अपने आरोपों में बताया कि बीमा कंपनियाँ पॉलिसी होल्डरों के साथ सीधे तौर पर जालसाजी कर रही हैं।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ 

स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

पाँच वर्ष पुरानी पॉलिसी, फिर भी लगवा रहे चक्कर

मथुरा गोवर्धन रोड निवासी हरिओम शर्मा ने अपनी शिकायत में बताया कि उनके भाई जेपी शर्मा ने स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी ली थी। पॉलिसी पिछले पाँच वर्ष से रिन्यु कराते आ रहे हैं। सितम्बर 2022 में स्वास्थ्य खराब होने के कारण निजी अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। चिकित्सकों ने किडनी गड़बड़ होने की बात कही और चिकित्सकों ने किडनी ट्रांसप्लांट कर दी। इलाज के दौरान बीमा कंपनी को जानकारी दी गई पर बीमा अधिकारियों ने बिल सबमिट करने पर भुगतान करने का दावा किया। इलाज के दौरान भाई जेपी शर्मा की मौत हो गई। उनकी मौत के बाद सारे बिल बीमा कंपनी में सबमिट किए और बीमा कंपनी ने क्लेम नंबर 0764441 जारी किया। क्लेम नंबर जारी करने के बाद क्लेम डिपार्टमेंट, सर्वेयर टीम के सदस्यों ने जल्द क्लेम का दावा किया पर अचानक उनके बिलों में खामियाँ निकालने लगे। उनका कहना है कि फाल्स बिल सबमिट किए हैं। परिजनों ने सारे तथ्य दिए और कहा कि आपको चिकित्सक से भी लिखवाकर देने तैयार हैं पर अधिकारी मानने के लिए तैयार ही नहीं है। परिजनों का आरोप है कि जिम्मेदार हमारे साथ गोलमाल कर रहे हैं। 
 

Created On :   24 Jan 2023 4:36 PM IST

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