क्लेम से बचने बीपी का मरीज बना दिया स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने

Star Health Insurance Company made a patient of BP to avoid claim
क्लेम से बचने बीपी का मरीज बना दिया स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने
अस्पताल के साथ सेटिंग करके किया गया पूरा गोलमाल क्लेम से बचने बीपी का मरीज बना दिया स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। 24 घंटे सात दिन वर्क करने का दावा करने वाली बीमा कंपनी पूरी तरह आम लोगों को लाभ देने में पीछे है। यह आरोप पॉलिसी धारकों के द्वारा लगाए जा रहे हैं। दावे व वादे तो हजार किए पर आम नागरिकों को जरूरत के वक्त बीमा कंपनियों ने दूरियाँ बनाकर रखीं। अस्पतालों में कैशलेस करने से इनकार किया जा रहा है। अस्पतालों व दवाइयों के बिल जब बीमा कंपनियों को दिए जाते हैं, उन्हें भी बीमा कंपनी के जिम्मेदार परीक्षण के नाम पर महीनों निकाल देते हैं और उसके बाद अचानक उक्त प्रकरण में क्लेम देने से इनकार कर दिया जाता है। यह किसी एक मामले में नहीं बल्कि अनेक पॉलिसी धारकों के साथ ऐसा ही किया जा रहा है। बीमित क्लेम के लिए परेशान होकर बीमा कंपनियों के चक्कर लगा रहे हैं पर उनकी सुनवाई जिम्मेदार नहीं कर रहे हैं। परेशान होकर पॉलिसी धारक अब कंज्यूमर कोर्ट से न्याय की गुहार लगा रहे हैं।

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अचानक चक्कर आने से परिजनों ने कराया था उपचार के लिए भर्ती

छिंदवाड़ा जिले के सौंसर तहसील के गुरुदेव कॉलोनी बस स्टैण्ड के समीप रहने वाले बीबी तिवारी ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से हेल्थ पॉलिसी (क्रमांक पी/151116/01/2020/006332) कराई है। पॉलिसी कराते वक्त बीमा कंपनी के अधिकारियों ने कहा था कि पुरानी बीमारी को छोड़कर सभी प्रकार किसी भी तरह की दिक्कत आती है तो हम पूरा इलाज कैशलेस करेंगे। पत्नी को बीपी व थाइराॅइड की बीमारी होने के कारण हमारे द्वारा पॉलिसी में उल्लेख कराया गया था पर मुझे किसी तरह की बीमारी नहीं होने की जानकारी हमारे द्वारा दी गई थी। पीड़ित का कहना है कि 18 जून 2022 को अचानक चक्कर आने के कारण मुझे नागपुर में भर्ती कराया गया था। वहाँ पर कैशलेस के लिए आवेदन दिया गया था, पर बीमा अधिकारियों ने बिल सबमिट करने पर सारे बिल का भुगतान करने का वादा किया था पर सारे बिल जमा करने के बाद अनेक प्रकार की क्वेरी निकाल दी गईं और उसके बाद बीपी की पुरानी बीमारी का हवाला देकर नो क्लेम स्टार हेल्थ के क्लेम डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने कर दिया। पीड़ित का आरोप है कि मुझे बीपी की बीमारी नहीं है और मैं नागपुर के निजी अस्पताल पर भी कोर्ट में केस लगा रहा हूँ। वहीं स्टार हेल्थ के प्रतिनिधि से संपर्क किया गया तो उनका कहना था कि डॉक्टर की रिपोर्ट के आधार पर ही क्लेम रिजेक्ट किया गया है।

Created On :   11 July 2022 6:13 PM IST

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