- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- जबलपुर
- /
- बुखार को बीमारी नहीं मानती स्टार...
बुखार को बीमारी नहीं मानती स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। इलाज फ्री,सारे क्लेमों का तुरंत निपटारा करने का वादा करने वाली बीमा कंपनियाँ प्रीमियम जमा करने तक अपने पॉलिसीधारकों को अनेक सपने दिखाती हैं और जैसे ही भुगतान जमा होता है उसके बाद वे पॉलिसीधारकों को दिए गए वादों से मुँह मोड़ लेती हैं। जिम्मेदार गाइडलाइन का हवाला देना शुरू कर देते हैं और जहाँ गाइडलाइन काम नहीं आती है तो फर्जी बिल बनाकर पेश किए जाने की बातें कही जाती हैं। बीमा कंपनियों का गोलमाल यहीं नहीं रुकता है, वे फायदे के लिए पुरानी बीमारी का हवाला देना शुरू कर देती हैं। कई तरह से खामियाँ निकालकर पॉलिसी होल्डर को मानसिक तनाव देकर परेशान करने लगती हैं। कई तरह से बीमितों को गुमराह करने के बाद फोन उठाना ही बीमा अधिकारी बंद कर देते हैं।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ
स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर के मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।
अस्पताल की रिपोर्ट व बिलों को बताया जा रहा झूठा
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के ग्राम सौंधरी निवासी दीपक राय ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से स्वास्थ्य बीमा कराया था। पॉलिसी क्रमांक पी/231124/01/2022/000523 का कैशलेस कार्ड भी कंपनी के द्वारा दिया गया था। माँ कालिन्द्री की अचानक तबियत खराब हो गई थी। स्वास्थ्य खराब होने के कारण निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। वहाँ पर सात दिनों तक इलाज चला और इस बीच बीमा कंपनी ने कैशलेस करने से इनकार कर दिया। बीमा अधिकारियों ने बिल सबमिट करने पर सारा भुगतान करने का वादा किया था। माँ के ठीक होने के बाद बीमा कंपनी में सारे बिल सबमिट किए गए तो क्लेम डिपार्टमेंट व सर्वेयर टीम के साथ ही डॉक्टरों की टीम ने अनेक प्रकार की खामियाँ निकालीं। चिकित्सक के द्वारा दोबारा सत्यापित कराकर सारी रिपोर्ट व बिल दिए गए तो बीमा कंपनी ने उसे झूठा साबित करने का प्रयास किया और कहा कि बुखार की बीमारी का घर पर रहकर इलाज कराना था। बीमित ने तथ्य दिए कि माँ को बेहोशी की अवस्था में भर्ती कराया गया था, तो भी जिम्मेदार उसे मानने के लिए तैयार नहीं हैं।
Created On :   17 Oct 2022 3:20 PM IST