बैंकों से लेकर एटीएम की सुरक्षा के लिए बनाई जाए एसओपी

SOP should be made for the security of ATMs from banks
बैंकों से लेकर एटीएम की सुरक्षा के लिए बनाई जाए एसओपी
सतना बैंकों से लेकर एटीएम की सुरक्षा के लिए बनाई जाए एसओपी

डिजिटल डेस्क, सतना। जबलपुर, मुरैना और ग्वालियर में कैश वैन लूटने से लेकर एटीएम काटकर लाखों की नकदी पार करने की घटनाओं को देखते हुए पुलिस कप्तान धर्मवीर सिंह ने बुधवार को जिले के सभी प्रमुख बैंक अधिकारियों की मीटिंग बुलाई, जिसमें सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाने पर चर्चा की गई। ताकि कोई भी वारदात होने पर सम्बंधित व्यक्ति की जिम्मेदारी तय कर तेजी से जांच आगे बढ़ाई जा सके। कैश वैन अथवा एटीएम में कितनी नकदी थी, सीसीटीवी फुटेज कैसे मिलेगा, कर्मचारियों की जानकारी कौन देगा, इन चीजों के लिए भटकना न पड़े। अलग-अलग काम के लिए अलग-अलग कंपनियों को नियुक्त करने की बात कहकर टाल-मटोल का रवैया अब बदलना होगा। 
कास्ट कटिंग के चक्कर में बढ़ रहा खतरा —-
एसपी ने कहा कि कास्ट कटिंग के चक्कर में एटीएम बूथों से गार्डों को हटाने पर रोक लगाएं तो आबादी से दूर एवं सूनसान जगहों पर लगे एटीएम का स्थान परिवर्तित किया जाए। यदि किसी ग्राहक के साथ फ्राड होता है तो उसे पुलिस के पास भेजने की बजाय प्राथमिक कदम उठाकर खाते से लेनदेन रोकने की कार्रवाई करें, ना कि नियम का हवाला देकर इधर-उधर दौड़ाएं। परेशानी को कम करने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है, जिसमें बैंकों के प्रमुख और पुलिस अधिकारी जुड़ेंगे। कोई भी फ्राड होने पर ग्रुप में रिपोर्ट की कॉपी डालकर भाग-दौड़ को कम किया जाएगा। 
कियोस्क सेंटरों की करें ऑडिट —-
ग्राहकों की सुविधा के लिए खोले गए कियोस्क सेंटरों में लाखों के फर्जीवाड़े की शिकायतें आए दिन सामने आती हैं। नयागांव और ताला में ऐसे अपराध दर्ज भी हो चुके हैं। नियमानुसार कियोस्क से एक बार में अधिकतम 10 हजार की निकासी हो सकती है, मगर प्रभावी नियंत्रण की कमी के चलते संचालक मनमाना लेनदेन कर भोले-भाले ग्राहकों से ठगी करने से बाज नहीं आते। ऐसे में सम्बंधित बैंकों को चाहिए कि नियमित तौर पर ऑडिट कर फर्जीवाड़े को सख्ती से रोकें। 

सुरक्षाकर्मियों को मिले फायरिंग का प्रशिक्षण —-
बैंकों के चेस्ट से छोटी ब्रांचों अथवा एटीएम के लिए नकदी ले जाने वाली गाडिय़ों में तैनात होने वाले सुरक्षाकर्मियों के पास बंदूकें तो होती हैं मगर गोलियों की संख्या कम होती है। सालों से फायरिंग की प्रैक्टिस नहीं होने से जरूरत पडऩे पर चूक जाते हैं। ऐसे में कैश वैन के गार्डो को फायरिंग की ट्रेनिंग दिलाई जानी चाहिए। बैंकों में प्रवेश द्वार के बाहर की तरफ भी उच्च क्षमता के कैमरे लगाए जाएं तो अंदर लगे सीसीटीवी कैमरे हर समय चालू रखे जाएं। अवकाश के दिनों में भी बैंकों की सुरक्षा पर लापरवाही न करें।

Created On :   24 Feb 2022 2:54 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story