जानलेवा साबित हो रहा गुड़ भट्टियों का धुआं, मालिकों को नहीं चिंता

Smoke Evacuation from molasses factory is Harmful for people health
जानलेवा साबित हो रहा गुड़ भट्टियों का धुआं, मालिकों को नहीं चिंता
जानलेवा साबित हो रहा गुड़ भट्टियों का धुआं, मालिकों को नहीं चिंता

डिजिटल डेस्क  नरसिंहपुर।  नगरपालिका क्षेत्र करेली सहित नगर की सीमा से जुड़े ग्रामों में बसाहट क्षेत्रों में गुड़ निर्माण का सीजन आने के साथ ही गुड़ भट्टियों का धुआं उगलना शुरु हो गया है। अत्याधिक मात्रा में हवा में फैलने वाले धुएं से लोगों के स्वास्थ्य को खतरा उत्पन्न हो गया है ।जानकारों के अनुसारा गुड़ भट्टियों के आसपास रहने वाले लोगों का स्वांस की तकलीफ बढ़् रही ही है । डाक्टरों के अनुसार तकलीफ बढऩे पर यह जानलेवा भी हो सकती है । नगर सहित आसपास गांवों मे गुड़ भट्टियों के आसपास रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य संबंंधी शिकायतें बढ़ रही हैं। सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन जैसी समस्यायें सामने आ रही हैं। इस मामले में प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से बसाहट क्षेत्रों में हर वर्ष नई गुड़ भट्टियां बढ़ रही हैं।
  आमतौर पर ऐसी औद्योगिमक इकाईयां बसाहट क्षेत्र से दूर स्थापित होनी चाहिए, लेकिन करेली नगर सहित आसपास गांवों के बसाहट वाले क्षेत्रों में इनका संचालन हो रहा है।
दिनरात उगल रहे काला धुॅआ
गन्ने की कटाई का सीजन आते ही नगर समेत ग्रामीण अंचलों में जगह-जगह गुड़ की भटिटयां  सज जाती है। अत्याधिक उत्पादन की लालच में यहां दिन रात गुड के निर्माण का कार्य चलता है। इस कारण भटिअयां 24 घंटे काला धुंआ उगलती रहती है। यही काला धुआ प्र्यावरण के प्रदूषण का  मुख्य कारण तो बना ही है साथ ही आसपास के रहवासियों के लिए काफी परेशानी का सबब बना है। और दिन प्रतिदिन क्षेत्र में नई गुड़ भट्टियां लग रही है इससे निरीक्षण करने वाले संबंधित अधिकारियों की कार्यप्रणाली सवाल के घेरे में है।
भट्टियों पर नहीं कोई रोकथाम
गुड बनाने की भटिटयां नगर समेत अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में लगी हुई हंै। कई जगहों पर तो सड़क किनारे ही भटिटयां संचालित हो रही है जिससे इन भटिटयों की चिमनियो ंसे निकला काला धुॅआ सडक पर फैल जाता है। जिससे राहगीरों को आवागमन में काफी परेशानी होती है। लोगों का कहना है कि भटिटयों से निकलने वाला धुआं कई बार काफी खतरनाक साबित हो जाता है जब काले धुॅए के कारण दिन में भी दृष्यता इतनी कम हो जाती है कि कुछ फीट के फासले पर आ रहे वाहन चालक भी एक दूसरे को नही देख पाते है। इससे हादसे की आषंका बढ जाती है।
शासकीय भवनों के आसपास भी है गुडभट्टियां
ग्रामीण अंचलो ंमें स्थिति और भी चिंताजनक हो गई है। पहले ग्रामों का वातावरण सबसे ज्यादा शुद्ध माना जाता था। परन्तु गुड भट्टियों  से निकलने वाले धुॅऐ के कारण यहां की फिजा भी प्रदूषित होती जा रही है। नगर के तहसील जनपद कार्यालय के आसपास ही कई गुड भट्टियां दिन रात संचालित हो रही है। जिनसे  निकलने वाले धुॅऐ से रोजाना ही हजारों लोगों पर इसका असर पड रहा है। वहीं क्षेत्र में कई स्कूलों के आसपास ही सैंकडों गुड़ भट्टियां लगी हुई है। जिनका सीधा असर स्कूल में पढऩे वाले बच्चेां पर पड़ता है परन्तु संबंधित विभाग इस ओर गंभीरता से ध्यान नही दे रहे है ।
नपा में दो गुड भट्टी ही पंजीकृत
नगरीय क्षेत्र के साथ आसपास के ग्रामीण अंचलों में लगभग 500 से ज्यादा गुड भट्टियां चल रही है। जिनसे रोजाना ही दिनों रात काला धुॅआ निरंतर निकल रहा है। जिससे लगातार वातावरण प्रदूषित हो रहा है। वही नपा क्षेत्र में भी दर्जनों गुड भट्टियां संचालित हो रही है। जिसमें से सिर्फ दो गुड भट्टियों ने अब तक  नपा कार्यालय में पंजीयन कराया है। इसके अलावा क्षेत्र की ज्यादातर गुड भट्टियों ने संबंधित विभागों में किसी भी प्रकार का पंजीयन नही कराया है।

 

Created On :   3 Nov 2017 1:14 PM IST

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