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कोयले से 1621 करोड़ का राजस्व अर्जित कर सिंगरौली ने प्रदेश में किया टॉप
-खनिज विभाग ने टारगेट को भी किया धराशायी, 110.83 फीसदी अधिक राजस्व हासिल कर बनाया एमपी में रिकार्ड
डिजिटल डेस्क सिंगरौली (वैढऩ)। कोल खनन कारोबार में सिंगरौली ने लक्ष्य से अधिक राजस्व अर्जित कर उमरिया, शहडोल समेत एक दर्जन जिलों को पीछे छोड़ दिया है। भले ही कोरोना की महामारी ने वैश्विक ढ़ांचे को धराशायी कर दिया है, फिर भी ऐसी विषम परिस्थितियों में भी खनिज विभाग ने कोल की रॉयल्टी से 1621.67 करोड़ का राजस्व अर्जित कर सिंगरौली ने प्रदेश में टॉप पर अपनी जगह बनाई है। सबसे बड़ी कामयाबी यह है कि कोरोना काल में वैश्विक मंदी के दौर में जहां सभी प्रकार के कारोबार में भारी गिरावट दर्ज की गई है, इनके बावजूद भी सिंगरौली जिले ने प्रदेश में रिकार्ड बनाया है। खनिज विभाग की जानकारी के अनुसार कोयले के खनन कारोबार से सिंगरौली ने एक बार फिर प्रदेश में अपना परचम लहराया है। खनिज अधिकारी ने बताया 1 अप्रैल से प्रारंभ हुए वित्तीय वर्ष के 10 माह के अंदर यह राजस्व अर्जित किया है। उन्होंने बताया कि सिर्फ कोयले के कारोबार से यह राजस्व प्राप्त हुआ है। जबकि डीएमएफ मद में अलग से राजस्व अर्जित हुआ है।
टारगेट को किया धराशायी
खनिज विभाग ने राजस्व अर्जित करने के मामले में लक्ष्य को भी धराशायी कर दिया है। जानकारी के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 के सिर्फ दस माह के अंदर खनिज विभाग ने 1471.60 करोड़ के विरूद्ध 1621.67 करोड़ अर्जित कर सिंगरौली प्रदेश में पहली जगह बनाई है। खनिज विभाग की जानकारी के अनुसार कोरोनाकाल में कोल खनन से माहवार निर्धारित रॉयल्टी को विभाग ने प्राप्त किया है। गौरतलब है कि पूरे वित्तीय वर्ष के लिये खनिज विभाग को 1962 करोड़ का लक्ष्य दिया गया है। इसके विरूद्ध खनिज विभाग ने केवल दस माह में 110.20 फीसदी राजस्व अर्जित कर रिकार्ड बनाया है।
कोयले के उत्पादन पर कोरोना का आंशिक प्रभाव
कोरोना की महामारी के दौरान अन्य कारोबार की तुलना में कोल के उत्पादन में सबसे कम असर पडऩे की जानकारी सामने आई है। बताया जाता है कि कोल कंपनियों के पास अत्याधुनिक संसाधन होने के कारण महामारी मेें भी उत्पादन में आंशिक असर पड़ा है। बताया जाता है कि कोल खनन के कारोबार में कोरोना का प्रभाव केवल मार्च और अप्रैल माह में पड़ा हैै। जबकि मई माह में कोल कारोबार में स्थिति सामान्य होने की रॉयल्टी से जानकारी सामने आई है। खनिज अधिकारी ने बताया कि कोरोनाकाल में कोयले के खनन में सबसे अधिक राजस्व सिंगरौली जिले से अर्जित हुआ है। जबकि सिंगरौली ने शहडोल समेत प्रदेश के अन्य जिलों को भी पछाड़ दिया है।
कोरोना से गिट्टी के उत्पादन पर पड़ा असर
जिले में कोरोनाकाल के दौरान गिट्टी के खनन का कारोबार प्रभावित होने की जानकारी सामने आई है। खनिज विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गिट्टी के कारोबारियों भी खनिज विभाग ने माहवार निर्धारित लक्ष्य को हासिल किया है। हालांकि कोरोना काल में मंदी का असर जरूर पड़ा, लेकिन मई माह से गिट्टी का खनन भी रूटीन पर आ गया है। इसके चलते वैश्विक मंदी के दौर में भी सिंगरौली जिले के राजस्व पर प्रभाव नहीं पड़ा है। इन तमाम स्थितियों के बावजूद माइनिंग ने चार माह की मंदी के दौरान लक्ष्य को अर्जित कर लिया है। जानकारों का कहना है कि ऐसी कोरोना की विकराल स्थिति में राजस्व एचीव करना किसी चुनौती से कम नहीं था, इसके बाद भी खनिज विभाग ने टारगेट से अधिक राजस्व हासिल कर रिकार्ड बनाया है।
इनका कहना है
कोरोना की वैश्विक मंदी के बाद भी विभाग ने केवल 10 माह में 1621 करोड़ का राजस्व अर्जित कर सिंगरौली ने पहला स्थान अर्जित किया है। खनिज विभाग ने माहवार निर्धारित लक्ष्य 110.20 फीसदी राजस्व अर्जित कर सिंगरौली ने प्रदेश में रिकार्ड बनाया है।
-एके राय, खनिज अधिकारी
Created On :   5 Feb 2021 5:50 PM IST