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आनंद कारज (विवाह) एक्ट लागू करने सिख दंपति ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा
![Sikh couple knocked on the door of the High Court to implement the Anand Karaj (Marriage) Act Sikh couple knocked on the door of the High Court to implement the Anand Karaj (Marriage) Act](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2022/09/sikh-couple-knocked-on-the-door-of-the-high-court-to-implement-the-anand-karaj-marriage-act_730X365.jpg)
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सिखों से जुड़े विवाह पंजीयन के लिए आनंद कारज (विवाह) एक्ट महाराष्ट्र में लागू करने का मांग को लेकर एक सिख दंपति ने बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में मांग की गई है कि राज्य सरकार को इस अधिनियम के तहत नियमावली तैयार करने का निर्देश दिया जाए और उनके विवाह का पंजीयन आनंद विवाह अधिनियम के तहत किया जाए।
याचिका में दावा किया गया है कि पंजाब, केरल, असम, राजस्थान और दिल्ली में आनंद विवाह अधिनियम को लागू कर दिया गया है, लेकिन महाराष्ट्र में इस अधिनियम के तहत नियम नहीं तैयार किए गए हैं। याचिका में कहा गया है कि सिख समुदाय के लोगों के विवाह के पंजीयन के लिए अलग कानून होने के बावजूद उन्हें मजबूरन हिंदु विवाह अधिनियम के तहत विवाह का पंजीयन करना पड़ता है।
याचिका के मुताबिक सिख समुदाय के विवाह समारोह (सिख समुदाय में जिसे आनंद कारज कहा जाता है) को वैधता प्रदान प्रदान करने के लिए 1909 आनंद विवाह अधिनियम को पारित किया गया था। साल 2012 में इसमे एक संसोधन किया गया और सभी राज्यों को इस अधिनियम के तहत नियम बनाने के लिए कहा गया है। इस संसोधन को दस साल बीत गए हैं, लेकिन महाराष्ट्र राज्य में अब तक नियम नहीं तैयार किए गए हैं। यह नियम तैयार न करना सिख धर्म का पालन करनेवाले सिख जोड़ों के अधिकारों का न सिर्फ उल्लंघन, बल्कि भेदभावपूर्ण भी है।
याचिका दायर करनेवाले पेशे से वकील सिख जोड़े (अमृतपाल खालसा) ने पिछले साल विवाह किया था। जो आनंद विवाह अधिनियम के तहत अपने विवाह का पंजीयन कराना चाहता है। याचिका पर बुधवार को सुनवाई हो सकती है।
Created On :   27 Sept 2022 9:48 PM IST