संकट की आहट: कंपनियों ने घटाई आपूर्ति, किल्लत के आसार
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। तेल कंपनियों की सप्लाई प्रभावित होने से जिले में पेट्रोल-डीजल की किल्लत के आसार नजर आने लगे हैं। सभी कंपनियों ने ५० प्रतिशत तक आपूर्ति घटा दी है। पम्पों में स्टॉक लगातार कम हो रहा है। ऐसे में अगले सप्ताह से जिले वासियों को पेट्रोल-डीजल की किल्लत से जूझना पड़ सकता है।
जानकारी अनुसार जिले में एचपीसीए (हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमि.), बीपीसीएल (भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमि.), आईओसी (इंडियन ऑयल कार्पोरेशन) के अलावा दो निजी कंपनियों के करीब १२० पेट्रोल पम्प संचालित हैं। इनमें से ४० प्रतिशत पेट्रोल पम्प बंद होने की कगार पर आ गए हैं। एक सप्ताह पहले तक जहां कंपनियां २४ घंटे में १०-१० गाडिय़ां सप्लाई करने से पीछे नहीं हटती थी, आज एक-एक गाड़ी के लिए ७२ घंटे की वेटिंग चल रही है। यही हालात रहे तो अगले सप्ताह तक जिले में पेट्रोल-डीजल की किल्लत से जूझना पड़ सकता है।
क्यों बिगड़ सकते हैं हालात
डीलर्स का दावा है कि सरकार ने डीजल-पेट्रोल के दाम बहुत धीमी गति से पैसों में बढ़ाए थे, लेकिन जब दाम करने की बात आई तो एक दम से रुपयों में दाम गिरा दिए। ऐसे में तेल कंपनियों से लेकर डीलर तक ३० रुपए प्रति लीटर डीजल और १८ रुपए प्रति लीटर पेट्रोल पर नुकसान उठाना पड़ रहा है। तेल कंपनियों ने भी पम्प संचालकों के लिए आपूर्ति ५० प्रतिशत तक घटा दी है। पम्प जल्द बंद करने पर दबाव बनाया जा रहा है।
मई-जून में बढ़ती है खपत, बढ़ेगी परेशानी
आम महीनों की तुलना में मई और जून माह में पेट्रोल व डीजल की खपत ज्यादा बढ़ जाती है। क्योंकि बारिश के पूर्व निर्माण कार्यों की रफ्तार बढ़ जाती है। इधर किसान फसल की कटाई के बाद खेतों को दोबारा बोवनी के लिए तैयार करते हैं। यही वजह है कि डीजल व पेट्रोल की खपत बढ़ती है।
फैक्ट फाइल
- १२० पेट्रोल पम्प
- ३ लाख लीटर डीजल/ रोजाना खपत
- २.५ लाख लीटर पेट्रोल/ रोजाना खपत
- भोपाल, इटारसी और जबलपुर डिपो से सप्लाई
Created On :   16 Jun 2022 5:09 PM IST