पात्शाह के दरबार में हीरे - रत्नों से जड़ी कलगी हुई अर्पण

Shri Hazur Sahib Nanded - An offering studded with diamonds and gold in the court of Patshah
पात्शाह के दरबार में हीरे - रत्नों से जड़ी कलगी हुई अर्पण
श्री हजूर साहिब नांदेड़ पात्शाह के दरबार में हीरे - रत्नों से जड़ी कलगी हुई अर्पण

डिजिटल डेस्क, नांदेड़। सिखों के पांच तख्तों में एक और साहिब श्री गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के पवित्र स्थान तख्त सचखंड श्री हजूर अबचल नगर साहिब में कलगी अर्पण की गई। जिसकी कीमत 1 करोड़ 73 लाख 78 हजार रुपए बताई जा रही है। जिसमें सोना, हीरे- जवाहरात और रत्न जड़े हुए हैं।

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बताया जा रहा है कि, 2 किलो 500 ग्राम वजन की इस कलगी को अहमदाबाद, सूरत और जयपुर के कारीगरों ने करीब 1 साल की कड़ी मशक्कत के बाद तैयार किया है।

Kavishri KALGI DI CHALAK PAVE ( Guru Gobind singh ji ) remix - YouTubeगुरु तेग बहादुर अस्पताल करतारपुर जिला जालंधर के डॉ. गुरविंदर सिंह समरा ने यह कलगी तख्त सचखंड के सेवादारों को सौंपी। जहां जत्थेदार साहब और गुरुद्वारा बोर्ड के सचिव रविंद्र सिंह मौजूद थे। जिन्होंने डॉ. गुरविंदर सिंह समरा और उनके सहयोगी का सत्कार किया। गुरुद्वारा बोर्ड के सचिव रविंद्र सिंह बुगई, गुरुद्वारा बोर्ड के अधीक्षक गुरविंदर सिंह वाधवा, गियानी जसविंदर सिंह मौक पर उपस्थित थे।

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ग्रंथ साहिब को इसी पावन स्थान पर गुरु गद्दी दी थी

गुरु पात्शाह अपनी पगड़ी पर कलगी लगाया करते थे। जो पात्शाह जी की दस्तार पर हमेशा दमकती रहती थी। गुरु गोबिंद सिंह जी ने गुरु ग्रंथ साहिब को इसी पावन स्थान पर गुरु गद्दी दी थी और कहा था कि अब गुरु ग्रंथ साहिब के अलावा सिखों का और कोई गुरु नहीं होगा।

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गुरु गोबिंद सिंह जी 7 अक्टूबर 1708 को इसी पवित्र भूमि पर अलोप हुए थे।  

Created On :   21 Sept 2021 4:21 PM GMT

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