परिवार पर टिप्पणी से दोस्त और उसके बड़े भाई ने शिवम को उतारा था मौत के घाट

Shivam was put to death by friend and his elder brother due to remarks on family
परिवार पर टिप्पणी से दोस्त और उसके बड़े भाई ने शिवम को उतारा था मौत के घाट
कटनी परिवार पर टिप्पणी से दोस्त और उसके बड़े भाई ने शिवम को उतारा था मौत के घाट

डिजिटल डेस्क, कटनी । थाना स्लीमनाबाद अंतर्गत कुसेरा जंगल में शिवम यादव(१७) पिता बसंत यादव निवासी धरवारा की हत्या का मामला पुलिस ने शव मिलने के बाद तीसरे दिनसुलझा लिया। इसमें नाबालिग दोस्त के साथ उसका बड़ा भाई आशीष चौधरी (१9)पिता स्व. गणेश चौधरी भी शामिल रहा। साक्ष्य छिपाने के आरोप में नाबालिग  पिता रमेश चौधरी और चाचा काजू चौधरी के ऊपर भी मामला कायम किया गया । दरअसल कक्षा दसवीं में अध्ययनरत छात्र शिवम यादव और धरवारा गांव में  निवासरत चौधरी परिवार के एक नाबालिग के बीच आपस में दोस्ती रही। नाबालिग दोस्त शिवम को घुमाने के बहाने गुरुवार 6 जनवरी को अपने साथ जंगल में ले गया था, साथ में नाबालिग का चचेरा भाई भी रहा। जंगल के अंदर पहुंचने पर दोनों ने मिलकर पत्थर से कुचलकर शिवम की हत्या कर दी। इसके बाद नाले में मृतक का शव दफनाते हुए मिट्टी, पत्थर और पत्तों से ढंक दिए। इसके बाद घर आकर इसकी जानकारी नाबालिग और उसके बड़े भाई ने घर के दो बड़े सदस्यों को भी दी थी। सोमवार को कंट्रोल रुम में इसकी जानकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने दी। इस दौरान एएसपी मनोज केडिय़ा, स्लीमनाबाद थाना प्रभारी संजय दुबे के साथ अन्य पुलिस अधिकारी और कर्मचारी शामिल रहे। ज्ञात हो कि इस हत्याकांड से क्षेत्र में भारी आक्रोश था। पहले ही दिन शनिवार को लाश मिलने पर ग्रामीणों ने जंगल में ही प्रदर्शन शुरू कर दिया। तब पुलिस अधिकारियों की समझाइश के बाद पोस्टमार्टम के लिए तैयार हुए थे। दूसरे दिन रविवार को पीएम के बाद ग्रामीणों का आक्रोश फिर भडक़ उठा और पांच घंटे तक नेशनल हाइवे जाम किया। यह अंधा कत्ल पुलिस के लिए बड़ी चुनौती था। साजिश के तहत पत्थर से कुचला था सिर इस मामले में नाबालिग दोस्त और उसके बड़े भाई ने पहले से ही हत्या की साजिश रची थी। नाबालिग दोस्त उसी स्कूल में पढ़ता रहा। जिस स्कूल में शिवम में अध्ययनरत रहा। इससे मृतक के परिवार को दोस्त के साथ जाने में किसी तरह की आपत्ति नहीं हुई। नाबालिग दोस्त शिवम को घुमाते हुए जंगल की तरफ ले गया। पीछा करते हुए यहां आशीष भी पहुंचा। दोनों ने पत्थर से शिवम का सिर कुचल दिया। इसके बाद लाश को ठिकाना लगाने के लिए नाले में उसे दफना दिया। पहले ही मृतक के परिवार ने जताई थी शंका हत्या के मामले में मृतक के परिवार ने पहले ही उसके नाबालिग दोस्त के ऊपर शंका जताई थी। इसी एंगल को लेकर पुलिस ने जांच बढ़ाई तो सारे तथ्य सामने आते गए। जिसके बाद दोस्त से पूछताछ में उसके बड़े भाई का नाम सामने आया। बाद में साक्ष्य छिपाने के मामले में अन्य लोग भी पुलिस के रॉडार में आगए। हत्या के बाद जंगल में पहुंचा थे आरोपीशव को पूरी तरह से ठिकाना लगाने के बाद हत्या में शामिल आरोपी जंगल भी पहुंचे हुए थे। इसकी भनक मृतक के परिवार के लोगों को लग चुकी थी। एक तरफ शिवम के पिता और परिवार के अन्य सदस्य थाने और आसपास के जगहों में जाकर अपने बच्चे की पतासाजी कर रहे थे, तो दूसरी तरफ आरोपी जंगल में शिवम को खोजने की कहानी गढ़े हुए थे। टीम में शामिल उपनिरीक्षक संतराम यादव, राकेश पटेल, एएसआई अनुराग पाठक, राजेश कोरी, प्रधान आरक्षक अंजनी मिश्रा, जय सिंह, अंकित दुबे, आशीष आर्मो, कोतवाली से आरक्षक रोहित सिंह, बृजेश ङ्क्षसह, सोने सिंह, राजा साहू को पुलिस अधीक्षक ने पुरुस्कृत करने की षणा की है। उमरियापान से लापता छात्र की उज्जैन में मिली थी लाश उमरियापान थाना क्षेत्र से लापता अंकुश चौरसिया की लाश उज्जैन में रेलवे ट्रैक पर मिली थी। हालांकि इस मामले में पुलिस अभी तक कोई सुराग नहीं जुटा सकी है। छात्र यहां कैसे पहुंचा इस मामले में भी पुलिस के हांथ खालीहैं। गौरतलब है कि अंकुश का भी शव 7 जनवरी को मिला हुआ था। फ्रंट मेंमिले आधार कार्ड से इसकी शिनाख्त की गई थी।

Created On :   11 Jan 2022 2:58 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story