शरद पवार की नसीहत - किसानों के सब्र का बांध टूटा तो पूरी जिम्मेदारी केन्द्र की होगी

Sharad Pawars advice - Full responsibility on center, If the dam of patience of farmers is broken
शरद पवार की नसीहत - किसानों के सब्र का बांध टूटा तो पूरी जिम्मेदारी केन्द्र की होगी
शरद पवार की नसीहत - किसानों के सब्र का बांध टूटा तो पूरी जिम्मेदारी केन्द्र की होगी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राकांपा प्रमुख शरद पवार ने पिछले 70 दिनों से भी अधिक समय से दिल्ली की सीमा पर जारी किसान आंदोलन का हल निकाल पाने में नाकाम केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने चेताते हुए कहा कि अब तक शांत तरीके से आंदोलनरत किसानों का अगर सब्र का बांध टूटता है तो इसकी समस्त जिम्मेदारी केन्द्र सरकार की होगी। पवार ने केन्द्र सरकार को असंवेदनशील करार देते हुए कहा कि कहा कि आज पेट्रोल, डिजेल के दाम आसमान छू रहे है। इसका असर बहुत तरीके से होता है। लिहाजा आम जनता को कई तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री का इन समस्याओं का समाधान करने के बजाय इन्हें और बढ़ाने पर ही ध्यान केन्द्रित है। लगा था कि प्रधानमंत्री किसान आंदोलन का हल निकालने के लिए कोई प्रयास करेंगे, लेकिन इसकी भी उन्होंने कोई जहमत नहीं उठाई। उन्होंने कहा कि अब हमने मिलकर इसके खिलाफ कदम उठाने शुरु कर दिए है।

अन्यथा बड़े संकट का करना पड़ेगा सामना

अपने सरकारी आवास पर मीडिया से बातचीत में पवार ने कहा कि दिल्ली से कुछ दूरी पर ही किसान पिछले 2 महीने से भी ज्यादा समय से आंदोलन कर रहे है। बड़े खेद की बात है कि प्रधानमंत्री उनसे मिलने भी नहीं जा रहे है। सरकार संवेदनशील होती तो शायद यह समस्या उत्पन्न नहीं होती। किसानों को रोकने के लिए जिस प्रकार से अड़चने (कंटीले तारों की ऊंची बाड़ लगाई) निर्माण की है, ऐसा आज तक हमने नहीं देखा है। मेहनतकश किसानों से जिस प्रकार से सरकार व्यवहार कर रहीं है इससे देश और समाज के सामने बड़ा संकट खड़ा होने की संभावना है। पॉपस्टार रिहाना के ट्वीट के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि किसानों की समस्या अब अंतरराष्ट्रीय बन गई है। देश से यह बाते बाहर जाए यह अच्छा नहीं है। यहां के हुक्मरानों के कारण ही ऐसा हुआ है।

कांग्रेस के अंतर्गत दबाव के कारण विधानसभा अध्यक्ष बदला गया

विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले के इस्तीफे को लेकर पूछे सवाल पर राकांपा सुप्रीमों ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किसे बनाती है यह उनका अंतर्गत मामला है, लेकिन पार्टी के अंतर्गत दबाव के चलते विधानसभा अध्यक्ष को बदला गया है। उन्होंने कहा कि पहले यह पद तीनों पार्टी का था, लेकिन यह पद अब खाली हो गया है। इसलिए इस पद पर नियुक्ति के लिए फिर से चर्चा होगी। क्या यह पद फिर से कांग्रेस को ही सौंपा जाएगा, इस पर उन्होंने कुछ कहने से इंकार किया।  

Created On :   4 Feb 2021 9:34 PM IST

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