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वेबसीरीज देखकर जागी करोड़ पति बनने की चाहत, निजी अस्पताल से मांगे डेढ़ करोड़
डिजिटल डेस्क जबलपुर। गोहलपुर पुलिस ने एक ऐसे युवक को गिरफ्तार किया है, जो कि वेबसीरीज को देखकर रातों-रात करोड़पति बनना चाहता था। इसी धुन में उसने रद्दी चौकी स्थित निजी अस्पताल संचालक को फर्जी कारण बताओ नोटिस भेजकर डेढ़ लाख रुपए की माँग कर डाली।
पुलिस के अनुसार बीते 15 जून की रात्रि सैफ नगर निवासी 60 वर्षीय डॉ. अब्दुल लतीफ खान ने एक लिखित शिकायत दी थी। इसमें उन्होंने बताया था कि उनका केजीएन लकवा यूनिट के नाम से नर्मदा नगर रद्दी चौकी पर अस्पताल है। उन्हें न्यायालय तहसीलदार जिला जबलपुर के नाम से प्रकरण क्रमांक 78/अ-68/2021 दिनांक 9-3-21 का एक कारण बताओ नोटिस प्राप्त हुआ। इसमें पेशी की तिथि 26 मार्च 2021 लिखी हुई थी और तभी दूसरे दिन उन्हें किसी व्यक्ति ने अपना नाम मोहित बताते हुए उक्त प्रकरण को समाप्त करने के संबंध में बात की। इस दौरान उसने अधिकारियों को रुपए देने की बात कहकर प्रकरण को समाप्त करने 1 लाख 50 हजार रुपए की माँग भी की। इसके बाद वे तहसील कार्यालय पहुँचे जहाँ यह मालूम हुआ कि ऐसा कोई भी पत्र तहसीलदार कार्यालय से जारी नहीं हुआ है। इसी दौरान उन्हें पुन: 6 जून को दूसरा कारण बताओ नोटिस मिला, जिसमें पेशी की तिथि 14 जून लिखी हुई थी। उनके अनुसार पुन: उसी व्यक्ति ने फोन करके कहा कि यदि जल्द रुपए नहीं दिए, तो बर्बाद हो जाओगे। इसके बाद जब उन्होंने तहसीलदार कार्यालय से दोबारा संपर्क किया, तो यह पता चला कि ऐसा कोई भी प्रकरण उनके नाम पर दर्ज ही नहीं हैं और उक्त दोनों ही नोटिस पूरी तरह से फर्जी भी हैं। शिकायत पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना शुरू कर दी गई।
पुलिस को बताई पूरी हकीकत-
पुलिस द्वारा साइबर सेल की मदद से उक्त मोबाइल नंबर के आधार पर जाँच करते हुए हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी हनुमानताल निवासी 18 वर्षीय मो. हमजा से पूछताछ की गई। इस पर उसने बताया कि वह भेड़ाघाट की सीनरी बनाने के साथ ही पढ़ाई भी करता था और लॉकडाउन में वह बेरोजगार हो गया था, तभी उसने स्कैम 1992 वेबसीरीज ऑनलाइन देखी, जिसमें उसके हीरो द्वारा लोगों के साथ धोखाधड़ी कर पैसा कमाना बताया गया है। उसे यह पता चला कि सैफ नगर गोहलपुर स्थित केजीएन लकवा यूनिट के डॉक्टर की डिग्री एवं मान्यता फर्जी है। इसके बाद उसने रजा चौक स्थित एक फोटो कॉपी की दुकान से तहसीलदार कार्यालय का फर्जी लैटर तैयार करवाकर उन्हें भेजा। इतना ही नहीं अस्पताल मालिक डॉ. अब्दुल लतीफ को फोन कर स्वयं को एसडीएम कार्यालय का कर्मचारी बताकर डेढ़ लाख रुपए की माँग भी की थी। इसके बाद पुलिस ने उससे जाँच खारिज करने का कलेक्ट्रेट कार्यालय वाला 1 फर्जी पत्र एवं 1 मोबाइल को जब्त करते हुए विधिवत रूप से गिरफ्तार कर आगे की पूछताछ प्रारंभ कर दी है।
Created On :   16 Jun 2021 10:15 PM IST