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संघ चाहता है शिवसेना ले उपमुख्यमंत्री पद, वडेट्टीवार बोले बीजेपी होगी सत्ता से दूर और बदलेगी सियासी तस्वीर
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। मुख्यमंत्री पद को लेकर राज्य में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रवक्ता व विचारक मा.गो वैद्य ने कहा है कि वे निजी तौर पर मानते हैं कि ढाई साल के मुख्यमंत्री का फार्म्यूला ठीक नहीं है। यह फार्म्यूला न तो उन्हें मंजूर है न ही भाजपा मानेगी। वैद्य ने यह भी कहा कि शिवसेना ने उपमुख्यमंत्री पद लेना चाहिए साथ ही अन्य कुछ विभाग पर चर्चा की जा सकती है। मंगलवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने संघ मुख्यालय में सरसंघचालक डॉ.माेहन भागवत से मुलाकात की। वैद्य का मानना है कि सरसंघचालक ने फडणवीस को सत्ता के गठन के बारे में कुछ नहीं कहा होगा। सामान्य तौर पर सरसंघचालक किसी भी राजनीतिक दल को सत्ता के गठन के बारे में कोई सूचना या आदेश नहीं देते हैं। अयोध्या मामले को न्यायालय का निर्णय आनेवाला है। संघ जनता से संयम व कानून के पालन का आव्हान कर रहा है। संभव है मुख्यमंत्री ने अयोध्या मामले पर संभावित स्थिति के संबंध में सरसंघचालक से चर्चा की । वैद्य ने कहा कि शिवसेना भाजपा के साथ न रहे और सत्ता का पेंच न सुलझे तो भाजपा ने सरकार गठन करना चाहिए। बाद में विश्वासमत पेश करने की तैयारी हो। विश्वासमत प्रस्ताव नामंजूर होने की स्थिति में राष्ट्रपति शासन लगेगा। उसके 6 माह बाद चुनाव हो सकते हैं। लेकिन फिलहाल अनेकों की इच्छा है कि महायुति की सत्ता आए। शिवसेना उपमुख्यमंत्री पद के लिए तैयार हो जाए तो राज्य में कुछ महत्वपूर्ण विभाग, केंद्र में दो मंत्री पद, दो राज्यपाल व विधानपरिषद में कुछ स्थान देने के विषय पर सकारात्मक चर्चा हो सकती है।
अनुमान लगाना योग्य नहीं
वैद्य ने कहा कि शिवसेना व राष्ट्रवादी कांग्रेस के गठबंधन की सरकार बनने का अनुमान लगाना योग्य नहीं है। कांग्रेस का समर्थन नहीं मिल पाएगा। कर्नाटक की राजनीति का जिक्र करते हुए कहा कि सहयोगी दलों के निर्णय के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। कर्नाटक में कुमारस्वामी विधायकों की संख्या कम होने पर भी कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनायी।
गडकरी की चर्चा में तथ्य नहीं
मुख्यमंत्री पद को लेकर नितीन गडकरी के नाम की चर्चा पर वैद्य ने कहा कि गडकरी को मुख्यमंत्री बनाने का प्रश्न ही नहीं है। भाजपा के विधायक दल के नेता देवेंद्र फडणवीस चुने गए हैं। गडकरी महाराष्ट्र की राजनीति में नहीं लौटेंगे।
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राज्य की राजनीति की तस्वीर बदलेगी
भाजपा को किसी भी स्थिति में सत्ता में नहीं आने देना है। कांग्रेस ने इस संबंध में ठोस निर्णय लिया है। 48 घंटे में राज्य की राजनीति की तस्वीर बदलेगी। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने दावा किया। बुधवार को पत्रकारों से चर्चा में वडेट्टीवार ने यह भी कहा कि भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए सारे दल साथ आ सकते हैं। शिवसेना मुख्यमंत्री पद की मांग कर रही है। भाजपा पद छोड़ने को तैयार नहीं है। शिवसेना, कांग्रेस व राकांपा गठबंधन का पर्याय है। सरकार के गठन के लिए केवल दो दिन है। समर्थन के बारे में कांग्रेस अध्यक्ष से चर्चा की गई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने भी सोनिया गांधी से मुलाकात की है। शिवसेना को समर्थन के बारे में अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। वडेट्टीवार ने कहा कि 5 वर्ष में भाजपा ने राज्य को विकास के मामले में काफी पिछड़ा कर दिया है। जनादेश का भी सम्मान नहीं किया गया। कांग्रेस के सभी विधायकों के साथ ही सामान्य जनता की इच्छा है कि भाजपा फिर से सत्ता में न आए। शिवसेना राकांपा मिलकर सरकार बनाने की स्थिति में कांग्रेस की भूमिका से जुड़े प्रश्न पर कहा कि इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष के निर्णय का इंतजार करना होगा। शिवसेना को कांग्रेस के समर्थन के लिए कुछ निर्णय लेने होंगे। केंद्र मंे मंत्रिपद छोड़ना होगा। उचित स्थिति में ही कांग्रेस समर्थन के संबंध में चर्चा कर सकती है।
Created On :   6 Nov 2019 9:47 PM IST