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छतरपुर: चार राष्ट्रीय वेबिनार्स के मंथन निचोड़ में उभरा आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप सभी क्षेत्रों में होगी अभिनव पहल
डिजिटल डेस्क, छतरपुर। छतरपुर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के मूल मंत्र को आत्मसात करने के लिये मध्यप्रदेश पूरी तरह तैयार है। प्रदेश को विकास की अग्रिम पंक्ति में लाने और आत्म-निर्भर बनाने की रूपरेखा तैयार की जा चुकी है। इसके लिये हाल ही में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने विकास और आत्मनिर्भरता के लिये मुख्य चार विषयों पर राष्ट्रीय स्तर के वेबिनार आयोजित कर विषय-विशेषज्ञों के सुभाव प्राप्त किये है। इन सुझावों के आधार पर आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिये रोडमेप तैयार किया जा रहा है, जिसे मंत्रि-परिषद के सदस्य और प्रशासनिक अधिकारियों की टीम अंतिम रूप दे रही है, जिसके आधार पर नये स्वरूप में मध्यप्रदेश को राष्ट्र के समक्ष लाया जाएगा। मध्यप्रदेश में भौतिक अधोसंरचना को मजबूत करने के लिये वेबिनार में आये सुझावों के आधार पर नेशनल लॉजिस्टिक हब, बफर में सफर, नर्मदा टूरिज्म, एयर-कॉर्गो, फ्यूचरिस्टिक इण्डस्ट्री और टाइगर रिजर्व एडाप्टेशन के कार्य प्राथमिकता पर किये जायेंगे। चंबल प्रोग्रेस-वे" तथा "नर्मदा एक्सप्रेस-वे" को जल्द पूर्ण करने के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के लिए पोर्टल विकसित किया जाएगा। उद्योग तथा व्यापार से संबंधित मामलों के त्वरित निपटारे के लिए हाई पावर कमेटी गठित की जाएगी। मध्यप्रदेश को मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब बनाया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों की सड़क से कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। ग्रामीण, ट्राइबल एरिया टूरिज्म एवं फिल्म टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा। नागरिक सुविधाओं की सरल व समय-सीमा में डिलेवरी के लिए ई-गवर्नेंस का विस्तार होगा। प्रदेश की 225 सिंचाई परियोजनाएं वर्ष 2023 तक पूर्ण किए जाने का लक्ष्य निर्धारित कर वर्ष 2026 तक सिंचाई क्षमता को 75 लाख हैक्टेयर तक ले जाने के प्रयास किये जाएंगे। सुशासन की दिशा में "ईज ऑफ लाईफ" की अवधारणा को मूर्तरूप दिया जाकर जनसामान्य को मूलभूत सुविधाएं घर बैठे मिल सकें, इसके लिए डिजीटल सुविधा का विस्तार भी किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत प्रतिभावान युवाओं को शासकीय व्यवस्था से जोड़ने की दिशा में कार्य होगा। सभी विभागों की जानकारियों को "सिंगल डाटाबेस" पर उपलब्ध होगी। ई-ऑफिस व्यवस्था को प्रोत्साहित करते हुए प्रदेश में "आऊटसोर्सिंग कार्पोरेशन" बनाकर सभी विभागों के लिए आऊटसोर्सिंग की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। शासकीय गतिविधियों की नागरिक केन्द्रित मॉनीटरिंग, हितग्राहीमूलक योजनाओं के क्रियान्वयन का "थर्ड पार्टी" मूल्यांकन को रोडमेप में शामिल किया जाएगा। स्वास्थ के क्षेत्र में व्यापक बदलाव के साथ रोडमेप बनाया जा रहा है, जिसमें हर व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच, मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर को न्यूनतम किया जाना तथा लाईफ एक्सपेक्टेंसी को बढ़ाना है। राज्य बजट का आठ प्रतिशत स्वास्थ्य पर व्यय, लोगों को इलाज के लिए राज्य के बाहर न जाना पडे इसके लिए शहरों में "सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस" तथा जिला अस्पतालों के विकास की योजना, भोपाल व इन्दौर में "आयुष सुपर स्पेशलिटी अस्पताल" विकसित और प्रदेश में मेडिकल उपकरण निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए "बायो मेडिकल पार्क",चिकित्सा क्षेत्र में निजी निवेश को प्रोत्साहन दिया जाएगा। प्रदेश में "टेलीमेडिसन" तथा "ऑनलाइन शिक्षा सुविधा" को बढ़ाया जाएगा। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निजी संस्थाओं को प्रोत्साहन, वर्चुअल तथा स्मार्ट क्लासेस की व्यवस्था, चयनित कॉलेजों का "क्वालिटी लर्निंग सैन्टर" के रूप में विकास, संस्थाओं को कार्यात्मक स्वायत्ता ,"डिस्टेंस लर्निंग" को प्रोत्साहन और "एम.पी. नॉलेज कारपोर्रेशन" की स्थापना रोडमेप में शामिल होंगे। स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में दस हजार स्कूल रिसोर्स रिच होगें जिन्हें "सीएम राईज स्कूल" कहा जाएगा। भाषा तथा गणित शिक्षा में सुधार के लिए "मिशन अंकुर", डिजिटल शिक्षा को प्रोत्साहन, थर्ड पार्टी मूल्यांकन की व्यवस्था, निजी स्कूलों को कम्पनीज एक्ट के तहत लाने की सिफारिश और बोर्ड परीक्षाओं के परिणामों में सुधार की दिशा में कार्य किये जाएंगे। अर्थ-व्यवस्था एवं रोजगार 5 मूल मंत्र के आधार पर प्रदेश में काम किया जाएगा, जिसमें सीएसआर यानि काम्पिटेटिवनेस, सस्सेनबिलिटी,रिसीलेंस होगा। एक जिला-एक पहचान के तहत जिलावार किसी एक उत्पाद को ब्रॉण्ड के रूप में पहचान दिलाना, सबके लिये पढ़ाई व सबके लिये कमाई, जॉब इन एग्रीकल्चर की जगह जॉब एराउण्ड एग्रीकल्चर पर फोकस और स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने के लिये व्होकल फॉर लोकल पर जोर दिया जाएगा।
Created On :   17 Aug 2020 3:11 PM IST