कॉलेजों में फिर से पढ़ा सकेंगे रिटायर टीचर्स , दूर होगी शिक्षकों की कमी की समस्या

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कॉलेजों में फिर से पढ़ा सकेंगे रिटायर टीचर्स , दूर होगी शिक्षकों की कमी की समस्या
कॉलेजों में फिर से पढ़ा सकेंगे रिटायर टीचर्स , दूर होगी शिक्षकों की कमी की समस्या

डिजिटल डेस्क, नागपुर। यूनिवर्सिटी  से सम्बद्ध कॉलेजों में संचालित गैर अनुदानित पाठ्यक्रमों में नियमित शिक्षक नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसी स्थिति में अब नागपुर यूनिवर्सिटी विचार कर रहा है कि, क्यों न सेवानिवृत्त प्राध्यापकों को फिर से इन कॉलेजों में पढ़ाने का मौका दिया जाए। नागपुर विश्वविद्यालय में हुई एकेडमिक काउंसिल की बैठक में सेवानिवृत्त प्राध्यापकों को मान्यता देने के लिए एक समिति गठित की गई है।

यूजीसी ने कुछ वर्ष पूर्व प्राध्यापकों की सेवानिवृत्ति की उम्र 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी। राज्य सरकार ने भी इसे लागू कर दिया, लेकिन फिर सरकार ने यू-टर्न लिया और शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की उम्र फिर एक बार 60 वर्ष कर दी। अनुदानित कॉलेजों में  सेवानिवृत्ति के कारण रिक्त हुए पदों पर नियुक्ति के लिए मान्यता लेना अनिवार्य होता है। गैर अनुदानित कॉलेजों में नियुक्ति के लिए जरूरी पात्रता वाले उम्मीदवार की जरूरत होती है। गैर अनुदानित कॉलेजों की समस्या है कि, उन्हें प्राध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए योग्य उम्मीदवार नहीं मिल पाते। शिक्षकों के पद रिक्त होने के कारण नागपुर यूनिवर्सिटी ने इस साल करीब 129 कॉलेजों में प्रवेश पर रोक लगाई है। 

काउंसिल की बैठक में उठा यह मुद्दा
एकेडमिक काउंसिल की बैठक में जब भी यह मुद्दा उठा, तो कॉलेजों की ओर से कांट्रैक्ट शिक्षकों की नियुक्ति की भी मांग की गई। इसके बाद आर.जी. भोयर ने एक प्रस्ताव रखा, जिसमें सम्बद्ध कॉलेज में एक नियमित शिक्षक नियुक्त करने की शर्त रद्द कर पीजी मान्यता प्राप्त शिक्षक नियुक्ति की अनुमति या फिर सेवानिवृत्त शिक्षक नियुक्त करने की अनुमति मांगी गई। इसके बाद विवि ने एक समिति का गठन किया है। मंजूरी के बाद सेवानिवृत्त प्राध्यापक फिर एक बार कॉलेजों मंे पढ़ा सकेंगे।

शिक्षकों को मूल्यांकन की जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय
इसके अलावा एकेडमिक काउंसिल ने कॉलेजों में पढ़ाने वाले कांट्रिब्यूटरी और मान्यता प्राप्त शिक्षकों को भी मूल्यांकन की जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया है। यूनिवर्सिटी अधिनियम के प्रावधानों को ध्यान में रख कर यह निर्णय लिया गया है। ऐसे मूल्यांकनकर्ताओं को एक्सपर्ट के रूप में मान्यता दी जाएगी। 

Created On :   11 Jun 2019 4:13 PM IST

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