पशु रोगों के उपचार के लिए हो रहा पंचगव्य औषधियों पर शोध
डिजिटल डेस्क, अकोला। पशु रोगों के उपचार के लिएपंचगव्य औषधियों पर शोध हो रहा है। गाय का दूध, मक्खन, घीं काफी महत्वपूर्ण हैं। गाय के दूध से अधिक गोबर-गोमूत्र आर्थिक संसाधन हो सकता है। जिसके लिए पशु चिकित्सा विज्ञान संस्थान पशु रोगों के उपचार के लिए पंचगव्य औषधियों पर शोध कर रहा है। गौ पालक किसानों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है, ऐसी जानकारी पशुविज्ञान संस्था से मिली है। गाय व गोवंश कृषि का अविभाज्य अंग है। गोबर और गोमूत्र ही असली कमाई है, जो किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाती है। इस संस्था में किसानों को पंचगव्य औषधि गोबर से विविध उपयुक्त वस्तु, खाद, गोमूत्र से औषधि का निर्माण, धूप, साबुन, दंत मंजन जैसे दैनिक जीवन में उपयुक्त वस्तुओं का उत्पादन सिखाया जा रहा है। उसका प्रात्यक्षिक किसानों को आदर्श गोसेवा व अनुसंधान प्रकल्प के गोशाला में दिया जा रहा है।
जिला नियोजन समिति से निधि
स्नातकोत्तर पशुवैद्यक व पशुविज्ञान संस्था में पंचगव्य आधारित औषधि का पशुवैद्यक उपचारों में उपयोग के बारे में पहली बार संशोधन प्रकल्प हाथ में लिया गया है। देश स्तर पर इस तरह के शोध पहली बार हो रहा है। प्रकल्प को जिला नियोजन समिति की ओर से 2 लाख 70 हजार रूपए की निधि मिली है, ऐसी जानकारी सहयोगी अधिष्ठाता डॉ. धनंजय दिघे ने दी।।
Created On :   25 April 2023 5:40 PM IST