प्रदेश में बिजली के रेट बढ़ाने नियामक आयोग को मिली छूट, याचिका खारिज

Regulatory commission got exemption to increase electricity rates in the state, petition dismissed
प्रदेश में बिजली के रेट बढ़ाने नियामक आयोग को मिली छूट, याचिका खारिज
प्रदेश में बिजली के रेट बढ़ाने नियामक आयोग को मिली छूट, याचिका खारिज



डिजिटल डेस्क जबलपुर।  तीन महीने चली कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार प्रदेश में बिजली के रेट बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया है। मप्र हाईकोर्ट ने मंगलवार को बिजली के रेट बढ़ाने पर लगाई गई रोक को हटाते हुए उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसके जरिए बिजली के रेट बढ़ाने को चुनौती दी गई थी। जस्टिस विशाल धगट की एकल पीठ ने कहा है कि विद्युत नियामक आयोग को निर्धारित समय-सीमा में टैरिफ आदेश पारित करना चाहिए। आयोग यह निर्धारित करने के लिए सक्षम है कि टैरिफ आदेश घोषित करने के पूर्व किसी भी प्रकार की जनसुनवाई या व्यक्तिगत सुनवाई की आवश्यकता है या नहीं। याचिकाकर्ता को यह छूट प्रदान की गई है कि यदि वह आयोग के अंतिम निर्णय से व्यथित होता है तो अपीलीय अधिकरण के समक्ष अपील दायर कर सकता है। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि प्राकृतिक न्याय का अभिप्राय व्यक्तिगत सुनवाई नहीं है। यदि किसी के सुझाव व आपत्तियों का विवेकपूर्ण तरीके से निराकरण किया गया है तो प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन नहीं माना जा सकता है।
हाईकोर्ट ने 16 मार्च को लगाई थी रोक-
टीकमगढ़ निवासी अधिवक्ता निर्मल लोहिया की याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करते हुए हाईकोर्ट ने 16 मार्च 2021 को बिजली के रेट पर अंतिम आदेश पारित करने पर रोक लगा दी थी। याचिका में कहा गया था कि वर्ष 2021-2022 के लिए बिजली के रेट निर्धारित करने के लिए विद्युत नियामक आयोग के समक्ष याचिका पेश की गई है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राहुल रावत ने तर्क दिया कि विद्युत नियामक आयोग द्वारा याचिकाकर्ता को सुनवाई का अवसर दिए बिना बिजली के रेट बढ़ाए जा रहे हैं। आयोग की ओर से महाधिवक्ता पुरूषेन्द्र कौरव और आदित्य खांडेकर ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता की आपत्तियों और सुझाव पर विचार किया जा रहा है।
6.23 प्रतिशत बिजली महँगी करने दायर की गई है याचिका-
प्रदेश की पॉवर मैनेजमेंट कंपनी और तीन विद्युत वितरण कंपनियों ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए बिजली के रेट 6.23 प्रतिशत बढ़ाने के लिए विद्युत नियामक आयोग में याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया कि 2629 करोड़ रुपए घाटे की भरपाई के लिए बिजली के रेट बढ़ाना आवश्यक है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद जल्द ही बिजली के नए रेट घोषित होने की संभावना है।

Created On :   15 Jun 2021 10:17 PM IST

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