बाॅटनिकल गार्डन बना उपेक्षा का शिकार

Rare plants damaged - Botanical garden became a victim of neglect
बाॅटनिकल गार्डन बना उपेक्षा का शिकार
मुरझाए दुर्लभ पौधे बाॅटनिकल गार्डन बना उपेक्षा का शिकार

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। सामाजिक वनीकरण विभाग द्वारा लाखों रुपए खर्च कर देवरी के करीब नवाटोला में बाॅटनिकल गार्डन बनाया गया, लेकिन स्थानीय प्रशासन की ओर से उचित देखभाल नहीं करने से यहां उद्यान परिसर में सर्वत्र गाजरघास व कूड़ा-कचरा बिखरा पड़ा है। उल्लेखनीय है कि तत्कालीन विधायक संजय पुराम के प्रयास से करीब 5 वर्ष पूर्व वृक्ष संवर्धन और जैव विविधता को संरक्षित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार और सामाजिक वनीकरण विभाग के संयुक्त तत्वावधान से लाखों रुपए खर्च कर नवाटोला में स्व.उत्तमराव पाटील जैव विविधता वन उद्यान बनाया गया। यहां अनेक प्रकार के औषधीय गुण वाले पौधों के अलावा, जैवविविधता वाले अनेक दुर्लभ फल, फूल वाले पेड़ों के साथ रंग-बिरंगे फूलों के पौधों को यहां लगाया गया था। जिसके चलते वनस्पति विज्ञान के विद्यार्थियों तथा परिसर के नागरिकों के बीच यह उद्यान तेजी से लोकप्रिय हो गया। शुरुआत में तो सब कुछ ठीक रहा, लेकिन कोरोना की पहली लहर के बाद लगे लाॅकडाउन के कारण पर्यटकों के लिए यह उद्यान बंद रखा गया। उद्यान बंद होने के साथ ही यहां देखभाल करने वाले कर्मचारियों को वेतन मिलना बंद हो गया। जिससे उद्यान का रखरखाव बंद हो गया और बेशकीमती पेड़ पौधे मुरझा गए। बाद में विभाग की ओर से मिलने वाली निधि मिलना भी बंद हो गया, जिससे हालात और बिगड़ते चले गए और आज उद्यान के नाम पर यहां सिर्फ गाजरघास और कचरा बिखरा पड़ा है। बताया जाता है कि उद्यान के कर्मचारियों और शहर के जागरूक नागरिकों द्वारा उद्यान को बचाने के उद्देश्य से वर्तमान विधायक सहषराम कोरोटे से मुलाकात कर उन्हें इस संबंध में हस्तक्षेप करने की मांग की थी। लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ऐसे में स्व.उत्तमराव पाटील जैव विविधता वन उद्यान की किस्मत कब पलटेगी? इस पर क्षेत्र के नागरिकों की नजर टीकी हुई हंै।

Created On :   3 Jan 2022 7:17 PM IST

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