दस हजार किलो रंगोली से बनी साईंबाबा की प्रतिमा बनी आकर्षण का खास केंद्र

Ram Navami enthusiasm : Saibabas statue made of ten thousand kg rangoli became a special center of attraction
दस हजार किलो रंगोली से बनी साईंबाबा की प्रतिमा बनी आकर्षण का खास केंद्र
शिर्डी में रामनवमी का उत्साह दस हजार किलो रंगोली से बनी साईंबाबा की प्रतिमा बनी आकर्षण का खास केंद्र

डिजिटल डेस्क, शिर्डी, मोबीन खान। 111वें रामनवमी के अवसर पर साईंनगर मैदान की दो एकड़ भूमी पर साईबाबा की विशाल प्रतिमा रंगोली से बनाई गई है, जो रामनवमी पर्व का विशेष आकर्षण है| इस वर्ष शहर में रामनवमी का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस रामनवमी उत्सव के लिए श्री साईबाबा संस्थान विश्वस्त व्यवस्था शिर्डी और रामनवमी यात्रा कमेटी के संयुक्त रूप से 9 अप्रैल से 13 अप्रैल तक पांच दिनों तक विभिन्न स्वरूप के कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। इसके तहत शिरडी में पहली बार साईबाबा संस्थान के साईंनगर मैदान में दो एकड़ भूमि पर साई की प्रतिमा रंगोली से बनाई गई है, विश्व रिकार्ड बनने की कोशिश में जुटी इस रंगोली के लिए मुंबई के साईं भक्त मंडल के चालीस कलाकार पिछले आठ दिनों से मेहनत कर रहे हैं| रामनवमी के अवसर पर शिर्डी मे आने वाले भक्त बड़ी संख्या मे रंगोली देखने पहुंच रहे हैं।

ऐसी बनी रंगोली

40 हजार वर्ग फीट की साईं बाबा की प्रतिमा रंगोली से बनाई गई, मुंबई के 40 कलाकार साईंभक्त और उन्हें सहयोग करने के लिए लगभग 300 श्रद्धालु एवं ग्रामवासी शामील हुए थे, इस विशाल रंगोली को बनाने के लिए 8 दिनों का समय लगा, और गुजरात से 10 हजार किलो विभिन्न रंगों की रंगोली मंगवाई गई थी।

कई शिर्डीवासी और साईं भक्तों द्वारा रंगोली और गोबर का दान किया गया था। वहीं उन्होंने गोबर और गोमूत्र से जमीन बनाई और रंगोली बनाने में मदद की है, श्री साईं बाबा की इच्छा के अनुसार, कुछ समय बाद इस रंगोली में मिश्रित पवित्र मिट्टी को एकत्र कर शिरडी शहर में लगाए गए पेड़ों पर डाल दिया जाएगा। भक्तों को यदी यह मिट्टी घरों मे तुलसी में डालने के लिए लगे, तो वह कमिटी के पदाधिकारी से संपर्क कर ले जा सकते हैं। रामनवमी यात्रा समिति की ओर से इस अद्भुत रंगोली के लिए रंगोली समिति के नियुक्त अध्यक्ष  मुकुंदराव गोंदकर, उपाध्यक्ष मणिलाल पटेल, प्रवीण शिंदे, प्रकाश गोंदकर, वीरेश चौधरी,प्रतीक शेलके, सोमनाथ कोते, दिनेश शिंदे, दत्तात्रेय कोते, सचिन औटी, नितिन गायकवाड़, ऋषिकेश गायकवाड़,जयंत गायकवाड़, साईराज धुलसैदार, प्रथमेश गोंदकर, प्रमोद शेलके, नंदकुमार शेलके, सुनील बारहाते, योगेश काटकर,सतीश कोते, महेश कोते, नारायण थोरात, अरुण कोते, कैलास वारुले, संतोष गोंदकर, अनिल कोते, रविशंकर गोंदकर, नकुल सोनवणे और अन्य ग्रामीणों ने दिन-रात मेहनत की।

Created On :   10 April 2022 3:26 PM IST

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