Rajasthan Politics: हरीश साल्वे ने स्पीकर के आदेश पर उठाए सवाल, पायलट गुट की याचिका पर अब सोमवार को होगी सुनवाई
डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान में जारी सियासी घमासान अब हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है। ताजा विवाद राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की तरफ से कांग्रेस के बागी विधायकों को भेजे गए नोटिस को लेकर है। इस मामले में सचिन पायलट गुट के लोगों ने कोर्ट में याचिका दायर कर विधानसभा स्पीकर के नोटिस को चुनौती दी है। सचिन पायलट समेत 19 विधायकों की तरफ से दायर संशोधित याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट में शुक्रवार को फिर से सुनवाई हुई। सभी पक्षों ने दलीलें रखीं अब कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा।
Hearing begins at Rajasthan High Court on a petition filed by Sachin Pilot 18 other Congress MLAs against disqualification notices issued to them by the Assembly Speaker. pic.twitter.com/dpEuJgAxV4
— ANI (@ANI) July 17, 2020
मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत मोहन्ती और जस्टिस प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने सुनवाई की। याचिका में संविधान की 10वीं अनुसूची के आधार पर दिए गए नोटिस को चुनौती दी गई है। सुनवाई के दौरान पायलट खेमे की ओर से हरीश साल्वे ने दलील रखी कि, पायलट गुट ने दल-बदल कानून का उल्लंघन नहीं किया है, ऐसे में स्पीकर को नोटिस देने का अधिकार नहीं है। साल्वे ने स्पीकर के आदेश पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, इस मामले में 10वीं अनुसूची का उल्लंघन नहीं हुआ है। साल्वे ने अपने तर्क में कहा, पार्टी के अंदर रहकर मुख्यमंत्री के खिलाफ आवाज उठाना बगावत नहीं है।
बता दें कि, इससे पहले गुरुवार को हाईकोर्ट में दो बार इस मामले की सुनवाई हुई थी। पहले सिंगल बेंच ने मामला सुना और फिर पायलट खेमे ने दोबारा संशोधित याचिका पेश की। इसके बाद मामला डबल बेंच को भेज दिया गया।
दरअसल कांग्रेस पदाधिकारियों ने कहा था, पायलट और 18 अन्य विधायकों ने व्हिप की अवहेलना की थी और विधायक दल की बैठकों में शामिल नहीं हुए थे। जोशी ने बुधवार को पार्टी द्वारा राज्य विधानसभा से अयोग्य घोषित करने की मांग के बाद नोटिस जारी किया।
गुरुवार को सुनवाई के दौरान सचिन पायलट की ओर हरीश साल्वे ने कहा, इस नोटिस को रद्द किया जाए और अवैधानिक घोषित किया जाए। साल्वे ने कहा, सदन से बाहर हुई कार्यवाही के लिए विधानसभा अध्यक्ष नोटिस जारी नहीं कर सकते। नोटिस की संवैधानिक वैधता नहीं है। इसलिए इसे तुरंत रद्द किया जाए।
इस बीच भाजपा ने व्हिप को असंवैधानिक और अवैध करार दिया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा, अध्यक्ष अनुपस्थित रहने के लिए विधायकों पर व्हिप कैसे जारी कर सकते हैं। अगर विधायक विधानसभा की कार्यवाही में चर्चा से अनुपस्थित रहते हैं तो उन्हें व्हिप जारी किया जाता है।
Created On :   17 July 2020 1:42 PM IST