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सुको ने कहा- एनआरआई कोटे के प्रवेश से संबंधित याचिकाओं का जल्द निराकरण करें हाईकोर्ट
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। सुप्रीम कोर्ट ने मप्र हाईकोर्ट को निर्देश दिया है कि निजी मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटे के प्रवेश से संबंधित याचिकाओं का जल्द निराकरण किया जाए। सुको के जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस हेमंत गुप्ता की युगल पीठ ने इस निर्देश के साथ याचिकाओं का निराकरण कर दिया है।
एनआरआई कोटे की सीटें परिवर्तित नहीं की जा सकती
मध्यप्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेज एसोसिएशन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर विशेष अनुमति याचिका में कहा गया कि मप्र हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश के जरिए राज्य शासन को एनआरआई कोटे की 15 प्रतिशत सीटों को सामान्य वर्ग में परिवर्तित करने की अनुमति दे दी है। याचिका में कहा गया कि एनआरआई कोटे की 15 प्रतिशत सीटों को किसी भी स्थिति में सामान्य वर्ग में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है। वह सीटें काउंसलिंग के अंतिम चरण तक मैनेजमेन्ट द्वारा भरी जा सकती है। एसोसिएशन की ओर से अधिवक्ता सिद्द्धार्थ राधेलाल गुप्ता और निशित अग्रवाल ने कहा की वर्ष 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने अभिनिर्धारित किया था कि एनआरआई कोटे की 15 प्रतिशत सीटें सामान्य वर्ग में परिवर्तित नहीं की जा सकती है। जिस तरीके से माप-अप राउंड में एनआरआई कोटे की 15 प्रतिशत सीटों को सामान्य वर्ग में परिवर्तित किया जा रहा है, वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मप्र हाईकोर्ट को निर्देश दिया कि निजी मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटे के प्रवेश से संबंधित याचिकाओं का जल्द निराकरण किया जाए। युगल पीठ ने इस निर्देश के साथ याचिकाओं का निराकरण कर दिया है। गौरतलब है कि राज्य शासन को एनआरआई कोटे की 15 प्रतिशत सीटों को सामान्य वर्ग में परिवर्तित करने की अनुमति देने के आदेश को लेकर काफी जद्दोजहद मची हुई है। एनआरआई कोटे की सीटें कालेज प्रबंधन के लिए सबसे बड़ा आकर्षण होती हैं । ऐसी स्थिति में इनका सामान्य हो जाना खींचतान का विषय है।
Created On :   19 July 2019 3:17 PM IST