कर मूल्यांकन से पूर्व लक्ष्य था 30 करोड़, अब पहुंचा 80 करोड़ पर

Property tax demand increased by one and a half times in five years
कर मूल्यांकन से पूर्व लक्ष्य था 30 करोड़, अब पहुंचा 80 करोड़ पर
पांच सालों में संपत्ति कर की डिमांड बढ़ी डेढ़ गुना कर मूल्यांकन से पूर्व लक्ष्य था 30 करोड़, अब पहुंचा 80 करोड़ पर

डिजिटल डेस्क, अकोला। महानगरपालिका में सन 2016 में कर मूल्यांकन हुआ था, जिसे अब पांच साल पूरे हो चुके है। इन पांच सालों में संपत्ति कर की डिमांड में डेढ़ गुना वृध्दि हुई है। मूल्यांकन से पूर्व वर्तमान वर्ष की डिमांड 30 करोड़ तक सीमित थी, जो सन 2022-23 में 80 करोड़ तक पहुंच गई है। लगभग 50 करोड़ से संपत्ति कर की मांग बढ़ी। अब फिर से पूंजीमूल्य के आधार पर कर मूल्यांकन की तैयारी की जा रही है, जिससे मनपा की आय में और इजाफा होने की संभावना है। महानगरपालिका की गाड़ी संपत्ति कर वसूली पर चलती है। इस कारण मनपा का पूरा जोर संपत्ति कर वसूली बढ़ाने पर रहता है। सन 2016 से पूर्व संपत्ति कर की वर्तमान वर्ष की डिमांड 30 करोड़ से कम थी, जिसमें से आधी भी वसूली नहीं हो पाती थी। इस वजह से मनपा कर्मचारियों के वेतन की समस्या का सामना प्रशासन को बार-बार करना पड़ता था। तीन से चार माह का वेतन प्रलंबित रहा करता था। इस बीच सन 2016 में मनपा ने सभी संपत्तियों के पुनर्मूल्यांकन का निर्णय लिया। मूल्यांकन के बाद संपत्ति कर की डिमांड 58 करोड़ 93 लाख रूपए पर पहुंची। इस साल संपत्ति कर की डिमांड में वृध्दि होती चली गई। मनपा सीमावृध्दि क्षेत्र जुड़ने से डिमांड और बढ़ी। पांच सालों में वर्तमान वर्ष की डिमांड 79 करोड़ 91 लाख रूपए पर पहुंची। इससे मनपा कर्मचारियों के वेतन की समस्या हल हुई। अब हर माह नियमित वेतन हो रहा है। अन्य देय राशि की अदायगी भी तेजी से की जा रही है, क्योंकि मनपा की पांच साल पहले जितनी डिमांड रहती थी उससे तीन गुना याने 86 करोड़ 71 लाख रूपए की वसूली वर्ष 2021-22 में की गई है।

वित्तीय वर्ष निहाय वर्तमान वर्ष की डिमांड

वर्ष           2016-17    2017-18    2018-19    2019-20    2020-21    2021-22    2022-23
करोड़ में    30.00        58.93         64.00         67.33        72.59        76.49        79.91

वर्ष 2022-23 के लिए 204 करोड़ का लक्ष्य}अकोला महानगरपालिका के सामने हर वित्तीय वर्ष में बकाया तथा वर्तमान वर्ष की डिमांड मिलाकर वसूली का लक्ष्य रहता है। सन 2017-18 में 84 करोड़ का लक्ष्य था, जिसमें से 49.83 प्रतिशत याने 41 करोड़ 99 लाख की वसूली हुई थी। सन 2018-19 में 112 करोड़, सन 2019-20 में 132 करोड़, सन 2020-21 में 173 करोड़ 55 लाख का लक्ष्य था। सन 2021-22 में 202 करोड़ का लक्ष्य था, लेकिन शास्ती की वजह से यह लक्ष्य 262 करोड़ तक पहुंचा। वसूली भी रिकार्ड स्तर पर रही। अब नए वर्ष में 204 करोड़ का लक्ष्य दिया गया है। इसमें 124 करोड़ बकाया तथा वर्तमान वर्ष की 79 करोड़ 91 लाख की डिमांड का समावेश है।

 

Created On :   28 April 2022 5:55 PM IST

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