खस्ताहाल महानंद को एनडीडीबी को देने की तैयारी, 522 कर्मचारियों ने वीआरएस के लिए लगाई अर्जी

Preparing to hand over the decaying Mahanand to NDDB, 522 employees applied for VRS
खस्ताहाल महानंद को एनडीडीबी को देने की तैयारी, 522 कर्मचारियों ने वीआरएस के लिए लगाई अर्जी
घाटे में राज्य सहकारी दूध महासंघ खस्ताहाल महानंद को एनडीडीबी को देने की तैयारी, 522 कर्मचारियों ने वीआरएस के लिए लगाई अर्जी

डिजिटल डेस्क, मुबई। घाटे में डूबे महाराष्ट्र राज्य सहकारी दूध महासंघ (महानंद) को वित्तीय संकट से उबारने के लिए राष्ट्रीय दुग्ध विकास बोर्ड (एनडीडीबी) को सौंपने की तैयारी शुरू हो गई है। महानंद के 960 कर्मचारियों में से 522 ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के लिए अर्जी लगाई है। राज्य सरकार के प्रस्ताव पर एनडीडीबी ने महानंद के कर्मचारियों की संख्या घटाने की शर्त लगाई थी। इसी के मद्देनजर महानंद ने कर्मचारियों को वीआरएस का विकल्प दिया है। 

महानंद के एक अधिकारी ने "दैनिक भास्कर'को बताया कि कर्मचारियों की संख्या में कटौती के बिना एनडीडीबी महानंद का प्रबंधन हाथ में नहीं लेगा। कर्मचारियों को वीआरएस देने के लिए आवश्यक फंड जुटाने के लिए सरकारी एजेंसियों के साथ मूल्यांकन किया जा रहा है। वीआरएस आवेदनों की छानबीन शुरु है। इसके तहत अत्यावश्यक और गैर-अत्यावश्यक कर्मचारियों की सूची बनाई जाएगी। इसके बाद कर्मचारियों को वीआरएस देने के बारे में फैसला लिया जाएगा। 

अंतिम फैसला अभी नहीं

सरकार और एनडीडीबी के बीच एक बैठक हो चुकी है। प्रस्ताव पर अंतिम फैसला अभी नहीं हुआ है। महानंद 2004-05 में लगभग डेढ़ करोड़ रुपए के मुनाफे में था, जो 2016-17 से घाटे में चल रहा है। इसके पास कर्मचारियों का वेतन देने तक का पैसा नहीं है। पिछले महीने सरकार ने वेतन देने के लिए 20 करोड़ रुपए दिए थे।

प्रशासक के हवाले

महानंद का कामकाज फिलहाल प्रशासक के हाथ है। दुग्ध व्यवसाय विकास मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटील ने महानंद में भ्रष्टाचार की जांच कराने का ऐलान किया था। 

 

Created On :   24 April 2023 10:09 PM IST

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