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शहर के स्ट्रीट डॉग नसबंदी में 10 लाख फूंकने की थी तैयारी
डिजिटल डेस्क,कटनी। शहर के स्ट्रीट डॉग की नसबंदी का प्रस्ताव तो तीन महापौरों के समय से लंबित था स्थानीय स्तर पर व्यवस्थाएं नहीं होने से पशु चिकित्सा विभाग ने हाथ खड़े कर दिए थे। प्रभारी स्वच्छता अधिकारी ने पुरानी फाइल खंगाल कर अपने चेहेते एनजीओ को बुलाया और दो सौ से ज्यादा स्ट्रीट डॉग की नसबंदी का बिल पेश कर दिया। शहर के जागरूक लोगों को भनक लगते ही मामला महापौर के संज्ञान में लाया गया। महापौर प्रीति संजीव सूरी के निर्देश पर जब निगमायुक्त ने एनजीओ के संचालक को तलब कर पूर्व के प्रस्तावों के नियमों पर सवाल दागे तो एनजीओ संचालक निरुत्तर रह गया। बताया जाता है कि प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी ने स्ट्रीट डॉग की नसबंदी के नाम पर दस लाख रुपये फूंकने की तैयारी कर ली थी।
कागजों में 209 की नसबंदी
दरअसल कुछ दिनों पहले निगमायुक्त को स्ट्रीट डॉग की नसबंदी में गड़बड़ी की शिकायत की गई थी। जिसमें आरोप लगाया था कि नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग ने 209 आवारा कुत्तों की नसबंदी एक एनजीओ के माध्यम से कराने के दावे कर भुगतान कराने का प्रयास किया जा रहा है। भुगतान का समय नगरीय निकाय चुनाव चुना गया, ताकि किसी को भनक नहीं लगे। शिकायतकर्ता ने शिकायत के साथ आवारा कुत्तों की नसबंदी की नियमावली भी पेश की। नियमों के अनुसार स्ट्रीट डॉग की नसबंदी के लिए आपरेशन थियेटर होना चाहिए थे। साथ ही नसबंदी के बाद सुरक्षित स्थान में रखकर निगरानी करना थी। बताया जाता है कि भुगतान के लिए पेश किए गए देयकों में आपरेशन थियेटर एवं निगरानी से संबंधित कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए। एक तरफ स्ट्रीट डॉग से नगर निगम छुटकारा दिलाने का दावा कर रहा है तो रोजाना राहगीर स्ट्रीट डॉग के काटने का इलाज लेकर अस्पताल पहुंचते हैं।
Created On :   7 Sept 2022 2:07 PM IST