हालत बिगड़ने पर प्रेग्नेंट महिला को किया रेफर, बच्चे की रास्ते में मौत

pregnant woman referred to jabalpur after condition become burst
हालत बिगड़ने पर प्रेग्नेंट महिला को किया रेफर, बच्चे की रास्ते में मौत
हालत बिगड़ने पर प्रेग्नेंट महिला को किया रेफर, बच्चे की रास्ते में मौत


डिजिटल डेस्क डिण्डौरी। जिला चिकित्सालय से जबलपुर रेफर की गई प्रसूता की हालत बिगडऩे पर उसे शहपुरा स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया जहां महिला ने मृत पुत्र को जन्म दिया है। वहीं महिला की हालत काफी गंभीर बताई जा रही है। जिसका वहां उपचार चल रहा है। बताया जाता है कि समनापुर विकासखण्ड के चांदरानी की रहने वाली 24 वर्षीय महिला नेहा पति शंकर लाल धुर्वे प्रसव पीड़ा से परेशान थी जिसे समनापुर  स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया था। यहां महिला के प्रसव पूर्व बच्चे के फस जाने के कारण उसे आपात स्थिति में डिण्डौरी रेफर किया गया। जहां स्थितियों की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने महिला को जबलपुर रेफर कर दिया। महिला को लेकर एम्बुलेंस जबलपुर जा रही थी तभी शहपुरा के पहले ही अधफंसे बच्चे ने दम तोड़ दिया। और उसके बाद महिला की स्थिति गंभीर हो गई। जिसे स्वास्थ्य केन्द्र शहपुरा में दाखिल कराया गया जहां चिकित्सकों ने प्रसव कराते हुए मृत बच्चे को बाहर निकाला वहीं महिला की गंभीर स्थिति के चलते उसे अस्पताल में भर्ती रखा गया है। आदिवासी महिला के गरीब परिजनों के पास खाने को भी पैसे नहीं थे जहां स्थानीय लोगों ने सहयोग कर उन्हें भोजन कराया। इस मामले में शहपुरा स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सकों का कहना है कि महिला काफी कमजोर थी और उसका हीमोग्लोबिन 3 प्रतिशत था। ऐसी स्थिति में रक्त की आवश्यकता किसी तरह अस्पताल में की गई है। जहां महिला को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
दो दिन पहले चढ़ा था रक्त
जानकारी के अनुसार प्रसव पीड़ा से पीडि़त महिला को दो दिन पहले अर्थात 19 अक्टूबर को समनापुर स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया था जहां रक्त की कमी के कारण उसे दो बाटल रक्त भी चढ़ाया गया था। यहां महिला को पुन: गंभीर अवस्था में परिजन लेकर आए थे। जिसे समनापुर से जिला चिकित्सालय के लिए रेफर किया गया।
कहने को है जिला अस्पताल
लोगों का कहना है कि जिला अस्पताल सिर्फ कहने के लिए है। जहां आए दिन लापरवाही होती है। जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण चांदरानी गांव से प्रसव के लिए दाखिल  महिला की जान के साथ हुए खिलवाड़ के रूप में सामने आया है। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से एक शिशु की मौत तो हो गई, लेकिन शहपुरा के डॉक्टर की कोशिश से महिला की जान बचा ली गई। जब प्रसव के दौरान बच्चे का सिर बाहर निकल आया तो ऐसे हालात में उसे रेफर करने की अपेक्षा स्थानीय स्तर पर प्रयास न किए जाने पर लोगों ने हैरानी जाहिर की है। लोगों का कहना है कि जब शहपुरा में डिलेवरी कराई जा सकती है तो जिला चिकित्सालय में पदस्थ डॉक्टरों ने कैसे रेफर कर दिया। इस मामले की जांच की जाकर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए।
इनका कहना है
महिला गंभीर अवस्था में लाई गई थी जिसे एक बाटल खून चढ़ाया गया था और स्थिति गंभीर होने पर उसे जबलपुर रेफर किया गया।
डॉ ए.के. श्रीवास्तव सिविल सर्जन डिण्डौरी

 

Created On :   24 Oct 2017 4:13 PM IST

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