पॉलिसी क्लोज कर दी पर बीमा कंपनी राशि नहीं कर रही वापस
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। आम आदमी स्वास्थ्य बीमा कराता है या फिर टर्न पॉलिसी कि उन्हें लाभ होगा पर यह हकीकत से कोसों दूर है। लोन लेने के दौरान बैंक के द्वारा विभिन्न कंपनियों से कराए जाने वाले बीमा का भी लाभ आम लोगों को नहीं मिल रहा है। बीमितों का आरोप है कि बीमा अधिकारी लाभ का धंधा बनाने के लिए पॉलिसीधारकों के साथ जालसाजी कर रहे हैं। बीमित पॉलिसी बंद कर रहे हैं और बीमा कंपनी को मेल कर राशि वापस करने निवदेन कर रहे हैं पर बीमा अधिकारियों द्वारा जमा राशि वापस नहीं की जा रही है। सारे दस्तावेज देने के बाद भी बीमा कंपनियाँ अनेक प्रकार के बहाने बनाकर राशि वापस करने में आनाकानी करने में जुटी हुई हैं। परेशान होकर बीमित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगा रहे हैं।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ
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जिम्मेदार अधिकारी नहीं कर रहे मदद
मप्र जबलपुर के नगर निगम निवासी प्रभाकर नेल्सन ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने बैंक से लोन लिया था। लोन के एवज में ब्रांच मैनेजर के द्वारा पॉलिसी कराई गई थी। पॉलिसी क्रमांक 023852578 का प्रीमियम बीमा कंपनी के द्वारा काट लिया गया था। यह बीमा पाँच साल के लिए किया गया था और उसमें शर्त है कि अगर लोन धारक को कुछ हो जाता है तो पूरी राशि बीमा कंपनी के द्वारा जमा की जाएगी। कर्ज से बचने के लिए प्रभाकर के द्वारा लोन की रकम एक साथ जमा कर दी गई और उसके साथ ही अपना खाता क्लोज करवा दिया था। खाता क्लोज होने के बाद बीमा कंपनी को भी मेल किया गया था कि जमा चार साल का प्रीमियम खाताधारक के अकाउंट में ट्रांसफर करवा दिया जाए। बीमित बैंक के माध्यम से व स्वयं टाटा एआईजी को मेल कर चुका है पर जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा किसी भी तरह की मदद नहीं की जा रही है। पीड़ित का आरोप है कि महीनों बीत जाने के बाद हमारा अतिरिक्त जमा प्रीमियम बीमा अधिकारियों द्वारा वापस करने में अनेक प्रकार के बहाने बनाए जा रहे हैं। बीमित का कहना है कि टाटा एआईजी के द्वारा गोलमाल किया जा रहा है, वहीं बीमा कंपनी के अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया पर उनके द्वारा किसी भी तरह का उत्तर नहीं दिया जा रहा है।
Created On :   28 Feb 2023 4:37 PM IST