बच्चों की सुरक्षा : पुलिस वेरिफिकेशन को स्कूल दिखा रहे ठेंगा, शिक्षा विभाग भी सो रहा

Police Verification of Schools is necessary for children security
बच्चों की सुरक्षा : पुलिस वेरिफिकेशन को स्कूल दिखा रहे ठेंगा, शिक्षा विभाग भी सो रहा
बच्चों की सुरक्षा : पुलिस वेरिफिकेशन को स्कूल दिखा रहे ठेंगा, शिक्षा विभाग भी सो रहा

डिजिटल डेस्क नरसिंहपुर । निजी स्कूलों में हुई दुर्घटनाओं को लेकर जारी किए गए निर्देशों को धता बताया जा रहा है। नौनिहालों की सुरक्षा के लिए निजी स्कूलों के प्रबंधन सहित शिक्षा विभाग व प्रशासन गैरजिम्मेदार बनकर शासन की मंशा पर प्रशासन पानी फेर रहा है। हाल यह है कि जिले में संचालित 323 निजी स्कूलों में से महज 5 स्कूलों ने ही पुलिस वेरीफिकेशन की प्रक्रिया कर जानकारी शिक्षा विभाग को दी है। ढाई महीने का लंबा समय बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई या पहल विभाग या प्रशासन ने नहीं की है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में छात्र की हत्या होने के बाद 30 नवम्बर 2017 को निजी स्कूलों से स्टाफ का वेरीफिकेशन कराने कहा गया था। इसके बाद शिक्षा विभाग ने भी कागजी घोड़े दौड़ाए और पत्र लिखकर अपने कत्र्तव्य से इतिश्री कर ली। जिसके चलते नौनिहालों की सुरक्षा से जुड़े इतने महत्वपूर्ण कार्य को लेकर किसी भी बैठक में चर्चा भी नहीं होना स्वयं स्थिति का खुलासा कर रहीं है।
 जिले में स्कूलों की संख्या
जिले में कुल 323 निजी स्कूलों को मान्यता शासन द्वारा दी गई है। इनमें विकासखंड चावरपाठा में 46, चीचली में 33, गोटेगांव में 53, करेली में 58, सांईखेड़ा में सर्वाधिक 71 तथा जिला मुख्यालय पर 62 स्कूल संचालित है। हाल यह है कि नरसिंहपुर जिला मुख्यालय पर संचालित महज एक स्कूल ने ही वेरीफिकेशन संबंधी आवेदन की पावती जमा की है।
वेरीफिकेशन पर भी प्रश्न
निजी स्कूलों द्वारा निर्धारित प्रपत्र में स्कूल में कार्यरत शिक्षकों व स्टाफ के नाम, पता और मोबाइल नंबर की सूची के साथ संबंधित थाना को वेरीफिकेशन कराने के लिए आवेदन दिया है। प्रश्न यह है कि आवेदन प्राप्त होने के बाद किन स्कूलों के स्टाफ का वेरीफिकेशन हुआ इसकी पुख्ता जानकारी शिक्षा विभाग के पास नहीं है।
मंतव्य बदले पत्र जारी होते रहे
मामले का मजेदार पहलू यह भी है कि नौनिहालों की सुरक्षा के लिए नवम्बर माह से बार-बार मंतव्य बदलकर पत्र तो जारी हुए हैं, लेकिन इन पर कार्रवाई के संबंध में कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं की गई। नवम्बर में जहां पुलिस अधीक्षके को वेरीफिकेशन कराने पत्र लिखा। वहीं दिसंबर में इसका रिमाइंडर किया गया। इसके बाद मंतव्य बदला और 25 जनवरी को वाहनों की स्थिति को लेकर पत्र जारी कर दिया। इस तरह सुरक्षा के लिए मंतव्य बदलते रहे और पत्र जारी होते रहे हैं।
इनका कहना है
निजी स्कूलों के संचालकों को लगातार पत्राचार किया गया है। अभी बहुतेरे स्कूलों ने पुलिस वेरीफिकेशन से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए है। आदेश का कड़ाई से पालन कराने के लिए चेतावनी पत्र जारी किया जा रहा है।
जेके मेहर जिला शिक्षा अधिकारी, नरसिंहपुर

 

Created On :   17 Feb 2018 5:33 PM IST

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