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सकरो जंगल में पेड़ पर लटकते हुई मिली लाशें, पुलिस ने कराया पोस्टमार्टम
डिजिटल डेस्क सतना। बरौंधा थाना क्षेत्र के सकरो जंगल में शुक्रवार को पेड़ पर लटकती मिली तीन लाशों का पोस्टमार्टम शनिवार सुबह दो सदस्यीय डॉक्टर पैनल से कराया गया। इस दौरान चित्रकूट एसडीओपी जीएस अहिरवार और वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. आरपी शुक्ला भी मौजूद रहे, जिन्होंने लाशों का मुआयना कर साक्ष्य संकलित किए। वहीं मरचुरी के बाद डॉक्टर शुक्ला पुलिस टीम के साथ सांड़ा गांव से 8 किलोमीटर दूर स्थित घटना स्थल तक पैदल गए और बारीकी से जायजा लेकर जरूरी सबूत एकत्र कराए। पूरी कार्रवाई की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी की गई। शार्ट पीएम की रिपोर्ट में फंदे पर लटकने से मौत की बात सामने आई है। हालांकि पुष्टि के लिए विस्तृत प्रतिवेदन का इंतजार किया जा रहा है। पीएम के बाद महिला और उसके बेटे के शव पति के सुपुर्द किए गए, वहीं नाबालिग की लाश पिता को सौंपी गई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक महिला और उसके नाबालिग प्रेमी के सम्बंधों की जानकारी परिजनों को लग चुकी थी, लिहाजा उनके मिलने-जुलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसी वजह से परेशान होकर दोनों रात में घर से निकल गए और फांसी लगाकर जान दे दी। महिला अपने तीन बच्चों में से सबसे छोटे बेटे को भी ले गई थी।
28 मार्च को हुए थे लापता-
सांड़ा-भवानीपुर निवासी इंद्रपाल यादव की पत्नी कुसुमकली 28 वर्ष अपने 5 वर्षीय बेटे आशीष के साथ 28 मार्च की रात को घर से कहीं चली गई थी। वहीं पड़ोस में रहने वाला सुनील उर्फ बच्चा यादव पुत्र रामाश्रय उर्फ छोटकउना यादव भी तभी से गायब था। महिला के पति ने अगले दिन बरौंधा में दोनों की गुमशुदगी दर्ज कराई थी, मगर लड़के के पिता ने रिपोर्ट नहीं की थी। लगभग 13 दिन बाद 8 अपै्रल को चरवाहों ने सकरो जंगल में एक ही पेड़ पर तीन लाशें लटकते देखकर सरपंच को बताया था, जिसके जरिए परिजनों और पुलिस को खबर मिली थी। अंतत: शुक्रवार को पुलिस ने तीनों लाशें पेड़ से उतरवाकर मरचुरी में रखवाई थी। लाशों की हालत खराब हो चुकी थी और चेहरे पहचान में नहीं आ रहे थे, सिर्फ कपड़ों से ही परिजनों ने शिनाख्त की। लाशों की हालत देखकर पुलिस का मानना है कि जिस रात घर से निकले उसी रात महिला ने बच्चे को फांसी पर लटकाने के बाद नाबालिग प्रेमी के साथ पेड़ पर फांसी लगा ली। पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने कहा कि प्रथम दृष्टया आत्महत्या की बात सामने आ रही है। सभी पहलुओं की जांच कर घटना का पता लगाया जाएगा।
उधर 16 माह बाद भी इनकी नहीं हुई शिनाख्त-
बरौंधा थाना क्षेत्र की खोही घाटी में 14 दिसम्बर 2019 को 30 वर्षीय महिला और चार वर्षीय बालिका की जली हुई लाशें मिली थीं, जिनकी पहचान के लिए पुलिस ने एड़ी-चोटी का जोर लगाया, मगर सफलता नहीं मिली और न ही उनकी हत्या का राज खुला। यूपी के इलाकों और एमपी के अलग-अलग जिलों में टीमों को भेजकर गुम इंसानों के बारे में पता-तलाश करने के अलावा इश्तहार जारी किए गए और इनाम भी घोषित किया गया पर 16 माह बाद भी यह गुत्थी नहीं सुलझी। यह प्रकरण अनसुलझे अपराधों में सबसे संगीन है जो पुलिस के लिए आज भी चुनौती बना हुआ है।
Created On :   11 April 2021 6:05 PM IST