बैलों के गलों में जब घुंघरू जीवन का राग सुनाते हैं, धूमधाम से मनाया गया पोला पर्व

Pola Parv celebrated by the farmers
बैलों के गलों में जब घुंघरू जीवन का राग सुनाते हैं, धूमधाम से मनाया गया पोला पर्व
बीड बैलों के गलों में जब घुंघरू जीवन का राग सुनाते हैं, धूमधाम से मनाया गया पोला पर्व

डिजिटल डेस्क, बीड, सुनील चौरे पुजारी। जिले में 26 अगस्त शुक्रवार के दिन विभिन्न जगह-जगह के किसानों ने एक दिन के लिए खेतों में काम बंद रखा और बैलों को भगवान की तरह पूजा, किसानों ने हर्षउल्लास से पोला पर्व मनाया। पोला पर्व भादों अमावस्या के दिन बैल और गाय की रस्सियां खोल दी जाती है और उनके पूरे शरीर में हल्दी, उबटन, सरसों का तेल लगाकर मालिश की जाती है।

इसके बाद पोला वाले दिन इन्हें अच्छे से नहलाया जाता है. बैलों को सजाते हैं और गले में खूबसूरत घंटी लगी माला पहनाई जाती है। गाय या बैलों को कपड़े और धातु के छल्ले भी पहनाने का रिवाज है। बैलों का श्रृंगार कर गांव के पास के हानुमान भगवान मंदिर के पांच फेरे लगाए गए, बैलों को भगवान की तरह पूजा गया। 

मिट्टी के बिल की पूजा 

जिन लोगों के पास खेत नहीं होते, वे घर पर  मिट्टी के बैल की पूजा आर्चना कर प्रसाद चढ़ाते हैं, फिर परिवार के साथ खाना खाया जाता है।

Created On :   26 Aug 2022 6:07 PM IST

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